नई दिल्ली
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात का मुख्यालय है, जहां इसी महीने की 18 तारीख को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बताया जा रहा है कि इसमें 1000 से भी अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था, जिसमें विदेशी लोग भी थे। अब पता चला है कि इनमें से करीब 300 लोगों को कोरोना हो सकता है, जिन्हें दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में एहतियातन भर्ती किया गया है। 10 लोगों की मौत भी हो चुकी है। अब डर इस बात का है ये और भी लोगों में फैला होगा। इस मामले में मौलानाओं की लापरवाही तो सामने आ ही रही है, पुलिस व्यवस्था की भी लापरवाही दिखी है। आइए आपको बताते हैं कि कैसे तबलीगी जमात से फैलता चला गया कोरोना।
तबलीगी जमात का कार्यक्रम, 1000 से अधिक लोग
18 मार्च को तबलीगी जमात ने एक धार्मिक आयोजन किया था। यह आयोजन तबलीगी जमात के दिल्ली मुख्यालय में हुआ था। बताया जा रहा है कि इसमें 1000 से भी अधिक लोग जमा हुए थे, जिनमें अधिकतर भारतीय थे। यहीं पर कुछ ऐसे लोग भी थे, जो कोरोना से संक्रमित थे।
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सऊदी मलेशिया से भी आए थे कुछ लोग
इस धार्मिक आयोजन में हिस्से लेने वालों में कुछ सीनियर मौलाना भी थे। इतना ही नहीं, बहुत लोग सऊदी अरब, मलेशिया और इंडोनेशिया से भी आए थे, जहां पर पहले ही कोरोना बुरी तरह से फैला हुआ है। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में करीब 250 विदेशी मेहमान थे। विदेशी मेहमानों में थाईलैंड और किर्गिस्तान से आए लोग भी थे, जो अभी वापस नहीं लौटे हैं।
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कार्यक्रम के बाद सब अलग-अलग राज्यों में चले गए
तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद सब अपने राज्यों या देशों को वापस चले गए, कुछ नहीं भी गए तो वह जाने वाले थे। देश के तमाम हिस्सों से मुस्लिम समाज के लोग और मौलाना इस कार्यक्रम में आए थे और जब ये लोग वापस गए तो अपने साथ ले गए कोरोना वायरस। और इस तरह विदेश से आया हुआ कोरोना वायरस एक धार्मिक आयोजन की वजह से देश के तमाम राज्यों में फैल गया।
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कुछ में दिखे कोरोना के लक्षण, एक मौत ने हिला दिया
इनमें से कुछ लोगों में कुछ दिनों बाद कोरोना के लक्षण दिखने लगे, लेकिन उस पर किसी का ध्यान नहीं गया, जब तक जम्मू-कश्मीर के एक 65 साल के बुजुर्ग की गुरुवार को कोरोना से मौत नहीं हुई। बताया जा रहा है कि वह यूपी के सहारनपुर भी गए थे, जो तबलीगी जमात में 2-3 दिन तक रुके थे। उनकी मौत की खबर से अब सहारनपुर में भी खलबली पैदा हो गई है।
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और धीरे-धीरे सामने आने लगे मामले
गुरुवार को हुई इस मौत के बाद धीरे-धीरे तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल से भी कोरोना के मामले सामने आने लगे, जहां से लोग इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। धीरे-धीरे ये पता चला कि इनमें से कई मामले ऐसे लोगों के हैं, जिनका सीधे तौर पर या घुमा-फिरा कर दिल्ली के कार्यक्रम से संबंध था। यानी या तो वह खुद उस कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए हुए थे या फिर उस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर आए किसी व्यक्ति के साथ उन्होंने मुलाकात की थी।
दिल्ली में मिले 18 ऐसे मामले
सोमवार को दिल्ली में 25 मामले सामने आए, जिनमें से 18 ऐसे थे, जो दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इनमें दो विदेशी नागरिक भी थे। एहतियात के तौर पर दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में करीब 300 ऐसे लोग निगरानी में हैं, जो सीधे तौर पर या घुमा फिरा कर इस मामले से जुड़े हुए हैं। साथ ही निजामुद्दीन इलाके की कड़ी निगरानी की जा रही है और सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है, क्योंकि अब यहां से और भी मामले सामने आने की आशंका है।
साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने बताया कि 34 सैनिटेशन वर्कर और 20 ब्रीडिंग चेकर्स लगातार इलाके में लगाए गए हैं। अब तक करीब 30 हजार लीटर डिसइंफेक्टेंट स्प्रे किया जा चुका है। स्प्रे करने के लिए मिनी टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कंधों पर ले जाए जाते हैं, क्योंकि इस इलाके में गाड़ी जाने की जगह नहीं है। कुछ घर तो इतनी संकरी जगह में हैं कि कंधों पर लादी स्प्रे मशीन के साथ भी चलने में दिक्कत हो रही है। हालांकि, हर चुनौती से जूझते हुए सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है, क्योंकि अगर ये वायरस वहां फैलता रहा तो ये कोरोना वायरस का देश का सबसे बड़ा हब बन सकता है।