नई दिल्ली
देश की सबसे उम्रदराज चिम्पैंजी रीता की मंगलवार को चिड़ियाघर में मौत हो गई। 59 साल की रीता की तबीयत 27 जुलाई से ठीक नहीं थी। वह ठीक से खा नहीं पा रही थी, जिससे वह कमजोर हो गई थी। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के मुताबिक रीता देश की सबसे उम्रदराज चिम्पैंजी थी। संभवत: वह एशिया की भी सबसे उम्रदराज चिम्पैंजी थी।
चिड़ियाघर के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 27 जुलाई से ही रीता केवल लिक्विड पर जिंदा थी। वह केवल जूस, नारियल पानी और दूध ही ले रही थी। रीता का जन्म 12 दिसंबर 1960 को एम्सटर्डम के एक चिड़ियाघर में हुआ था। दिल्ली के चिड़ियाघर में उसे 1990 में लाया गया था। चिम्पैंजी की औसत आयु 50 साल के आसपास होती है।
चिड़ियाघर में जानवरों और पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है। हाल ही में एक बंगाल टाइगर की भी मौत हो गई थी। पिछले 50 दिन में 20 पशु-पक्षियों की मौत हो चुकी है। दयनीय हालात यह भी कि 20 बाड़ों में विभिन्न प्रजातियों के इकलौते जानवर और पक्षी हैं। यानी उनका कोई जोड़ा नहीं है।
25 सितंबर को हिरण के तीन बच्चों की भी मौत हो गई। मौत के कारणों के बारे में अधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं मिली। सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग प्रजाति के हिरणों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उनके रख-रखाव के इंतजाम पूरे नहीं हैं। वे आपस में भी लड़ते हैं और कई हिरणों की इस साल भी इस कारण से मौत हो चुकी है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में अफ्रीकी भैंसा, जंगली सूअर की मौत हो चुकी है। साथ ही दरियाई घोड़ा, काला हिरण भी अपनी जान गंवा चुके हैं।
देश की सबसे उम्रदराज चिम्पैंजी रीता की मंगलवार को चिड़ियाघर में मौत हो गई। 59 साल की रीता की तबीयत 27 जुलाई से ठीक नहीं थी। वह ठीक से खा नहीं पा रही थी, जिससे वह कमजोर हो गई थी। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के मुताबिक रीता देश की सबसे उम्रदराज चिम्पैंजी थी। संभवत: वह एशिया की भी सबसे उम्रदराज चिम्पैंजी थी।
चिड़ियाघर के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 27 जुलाई से ही रीता केवल लिक्विड पर जिंदा थी। वह केवल जूस, नारियल पानी और दूध ही ले रही थी। रीता का जन्म 12 दिसंबर 1960 को एम्सटर्डम के एक चिड़ियाघर में हुआ था। दिल्ली के चिड़ियाघर में उसे 1990 में लाया गया था। चिम्पैंजी की औसत आयु 50 साल के आसपास होती है।
चिड़ियाघर में जानवरों और पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है। हाल ही में एक बंगाल टाइगर की भी मौत हो गई थी। पिछले 50 दिन में 20 पशु-पक्षियों की मौत हो चुकी है। दयनीय हालात यह भी कि 20 बाड़ों में विभिन्न प्रजातियों के इकलौते जानवर और पक्षी हैं। यानी उनका कोई जोड़ा नहीं है।
25 सितंबर को हिरण के तीन बच्चों की भी मौत हो गई। मौत के कारणों के बारे में अधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं मिली। सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग प्रजाति के हिरणों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उनके रख-रखाव के इंतजाम पूरे नहीं हैं। वे आपस में भी लड़ते हैं और कई हिरणों की इस साल भी इस कारण से मौत हो चुकी है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में अफ्रीकी भैंसा, जंगली सूअर की मौत हो चुकी है। साथ ही दरियाई घोड़ा, काला हिरण भी अपनी जान गंवा चुके हैं।
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Read more: देश, एशिया की सबसे बुजुर्ग चिम्पैंजी रीता की मौत