नई दिल्ली
स्टार्टअप के नाम पर दिल्ली में बेटा पैदा करने का खेल चल रहा था। आईआईटी इंजिनियर इसे चला रहा था। वह बेटे की चाहत रखने वाले कपल्स को विदेश भेजता था, जहां बेटे वाले भ्रूण को महिला के गर्भ में इंजेक्ट करा दिया जाता था। 9 लाख के इस पैकेज में 15 दिन के लिए कपल्स को विदेश भेजकर यह धंधा चलाया जा रहा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक शिकायत के आधार पर कई विभागों के साथ सोमवार रात छापेमारी कर इससे पर्दा उठाया।
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, पिछले दो साल से यह गिरोह दिल्ली में ऐक्टिव था। इसमें सैकड़ों लोग काम करते थे। इसके लिए कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। दो साल में देशभर में 6 लाख लोगों से संपर्क स्थापित किया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहल की और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय महिला आयोग सहित 14 विभागों की टीम ने संयुक्त रूप से सोमवार की रात छापेमारी कर इस कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया।
जानकारी के अनुसार एक वेबसाइट के जरिए आईवीएफ सेंटर बुलाकर डील की जाती थी। पहले रजिस्ट्रेशन होता था और इसके लिए 10 हजार रुपये देने होते थे। इसके बाद 9 लाख में डील होती थी। मंत्रालय के अनुसार, कपल्स को दुबई, थाईलैंड और सिंगापुर भेजा जाता था। इस गिरोह में दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, पूरे देश से लगभग 100 से ज्यादा आईवीएफ सेंटर शामिल हैं। करोलबाग थाने की पुलिस अब इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई है।
स्टार्टअप के नाम पर दिल्ली में बेटा पैदा करने का खेल चल रहा था। आईआईटी इंजिनियर इसे चला रहा था। वह बेटे की चाहत रखने वाले कपल्स को विदेश भेजता था, जहां बेटे वाले भ्रूण को महिला के गर्भ में इंजेक्ट करा दिया जाता था। 9 लाख के इस पैकेज में 15 दिन के लिए कपल्स को विदेश भेजकर यह धंधा चलाया जा रहा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक शिकायत के आधार पर कई विभागों के साथ सोमवार रात छापेमारी कर इससे पर्दा उठाया।
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, पिछले दो साल से यह गिरोह दिल्ली में ऐक्टिव था। इसमें सैकड़ों लोग काम करते थे। इसके लिए कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। दो साल में देशभर में 6 लाख लोगों से संपर्क स्थापित किया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहल की और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय महिला आयोग सहित 14 विभागों की टीम ने संयुक्त रूप से सोमवार की रात छापेमारी कर इस कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया।
जानकारी के अनुसार एक वेबसाइट के जरिए आईवीएफ सेंटर बुलाकर डील की जाती थी। पहले रजिस्ट्रेशन होता था और इसके लिए 10 हजार रुपये देने होते थे। इसके बाद 9 लाख में डील होती थी। मंत्रालय के अनुसार, कपल्स को दुबई, थाईलैंड और सिंगापुर भेजा जाता था। इस गिरोह में दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, पूरे देश से लगभग 100 से ज्यादा आईवीएफ सेंटर शामिल हैं। करोलबाग थाने की पुलिस अब इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई है।
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