नई दिल्ली
जवान से बुजुर्ग बनकर अमेरिका जाने समेत विदेशों में नौकरी पाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने वाले मामलों में एक और नया मामला सामने आया है। पता लगा है कि स्वतंत्र राज्य समोआ में पानी के जहाजों में नौकरी पाने के लिए कुछ भारतीय फर्जी सीडीएस यानी कंटीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट बनाकर वहां जा पहुंचे। कुछ समय के लिए समोआ में नौकरी भी पा ली। लेकिन शक होने पर उन्हें भारत भेज दिया गया। समोआ के हाई कमिशन ने जब इसकी जांच कराई तो यह सीडीएस नकली निकले। अब समोआ की ओर से पूरी छानबीन कर जांच के लिए ई-मेल किया है। मेल मिलने के बाद आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्राथमिक जांच में नौ लोगों के नामों का पता लगा है। जिसमें छह लोग समोआ पहुंच गए थे और बाकी जाने का प्रयास कर रहे थे। इनमें दो हरियाणा के हैं, बाकी पंजाब के हैं। इन सभी को पिछले साल से इस साल अगस्त तक शक के आधार पर अलग-अलग मामलों में समोआ से दिल्ली भेजा गया था। मिली शिकायत में पुलिस को पता लगा कि इन लोगों के सीडीसी में गवर्नमेंट ऑफ समोआ, मिनिस्ट्री ऑफ वर्कर्स, ट्रांसपोर्ट ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा जारी करना दिखाया गया था।
समोआ सरकार की ओर से भारत में स्थित हाई कमिशन ने दिल्ली पुलिस को बताया कि उनकी ओर से ऐसे कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए। यह सब नकली हैं। अब मामला दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है। फिलहाल यह 9 लोग पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस को लग रहा है कि विदेशों में नौकरी पाने के लिए यह भी एक नया रैकेट है, जिसमें और भी कई सारे मामले सामने आ सकते हैं।
जवान से बुजुर्ग बनकर अमेरिका जाने समेत विदेशों में नौकरी पाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने वाले मामलों में एक और नया मामला सामने आया है। पता लगा है कि स्वतंत्र राज्य समोआ में पानी के जहाजों में नौकरी पाने के लिए कुछ भारतीय फर्जी सीडीएस यानी कंटीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट बनाकर वहां जा पहुंचे। कुछ समय के लिए समोआ में नौकरी भी पा ली। लेकिन शक होने पर उन्हें भारत भेज दिया गया। समोआ के हाई कमिशन ने जब इसकी जांच कराई तो यह सीडीएस नकली निकले। अब समोआ की ओर से पूरी छानबीन कर जांच के लिए ई-मेल किया है। मेल मिलने के बाद आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्राथमिक जांच में नौ लोगों के नामों का पता लगा है। जिसमें छह लोग समोआ पहुंच गए थे और बाकी जाने का प्रयास कर रहे थे। इनमें दो हरियाणा के हैं, बाकी पंजाब के हैं। इन सभी को पिछले साल से इस साल अगस्त तक शक के आधार पर अलग-अलग मामलों में समोआ से दिल्ली भेजा गया था। मिली शिकायत में पुलिस को पता लगा कि इन लोगों के सीडीसी में गवर्नमेंट ऑफ समोआ, मिनिस्ट्री ऑफ वर्कर्स, ट्रांसपोर्ट ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा जारी करना दिखाया गया था।
समोआ सरकार की ओर से भारत में स्थित हाई कमिशन ने दिल्ली पुलिस को बताया कि उनकी ओर से ऐसे कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए। यह सब नकली हैं। अब मामला दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है। फिलहाल यह 9 लोग पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस को लग रहा है कि विदेशों में नौकरी पाने के लिए यह भी एक नया रैकेट है, जिसमें और भी कई सारे मामले सामने आ सकते हैं।
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