नई दिल्ली
क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर के खिलाफ पुलिस ने अन्य आरोपियों के साथ अमानत में खयानत और फ्लैट खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी के आरोप में अदालत में अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। 50 से ज्यादा लोगों की शिकायतों पर यह केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने साल 2011 में इंदिरापुरम, गाजियाबाद में एक रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट के अंतर्गत अपना फ्लैट बुक कराया, लेकिन यह प्रॉजेक्ट आज तक शुरू नहीं हुआ।
गंभीर रुद्र बिल्डवेल रिएलिटी प्रा. लि. और एच. आर. इंफ्रासिटी प्रा. लि. के जॉइंट प्रोजेक्ट के डायरेक्टर और ब्रांड एंबेसेडर, दोनों थे। साल 2016 में इन सभी के खिलाफ हाउसिंग प्रोजेक्ट में अपार्टमेंट बुक कराने की एवज में लोगों से कथित तौर पर करोड़ों की ठगी के आरोप में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि बिल्डर ने पीड़ितों के साथ जून-जुलाई में बिल्डर बायर अग्रीमेंट किया, जबकि उसके प्रोजेक्ट का सैंक्शन्ड बिल्डिंग प्लान 6 जून, 2013 में ही एक्सपायर हो गया था। बावजूद इसके बिल्डर्स पीड़ितों से अनधिकृत तरीके से पैसे जमा करते रहे।
प्रस्तावित प्रॉजेक्ट की साइट से जुड़े विवाद के बारे में खरीदारों को जानबूझकर अंधेरे में रखा गया। अथॉरिटीज ने लाइसेंस फीस वगैरह का भुगतान न करने और अन्य औपचारिकताओं की अनदेखी की वजह से संबंधित प्रॉजेक्ट की मंजूरी को 15 अप्रैल, 2015 में रद्द कर दिया था। चार्जशीट में गंभीर और फर्म के अलावा उसके प्रमोटर्स मुकेश खुराना, गौतम मेहरा और बबीता खुराना को आरोपी के तौर पर नामजद किया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि प्रॉजेक्ट का पूरे जोर-शोर के साथ प्रचार किया गया था। आरोप के मुताबिक इसके विज्ञापनों में गंभीर ब्रैंड एंबेसेडर के तौर पर खरीदारों को इसमें इनवेस्टमेंट करने और फ्लैट खरीदने के लिए आकर्षित करते दिखे।
क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर के खिलाफ पुलिस ने अन्य आरोपियों के साथ अमानत में खयानत और फ्लैट खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी के आरोप में अदालत में अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। 50 से ज्यादा लोगों की शिकायतों पर यह केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने साल 2011 में इंदिरापुरम, गाजियाबाद में एक रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट के अंतर्गत अपना फ्लैट बुक कराया, लेकिन यह प्रॉजेक्ट आज तक शुरू नहीं हुआ।
गंभीर रुद्र बिल्डवेल रिएलिटी प्रा. लि. और एच. आर. इंफ्रासिटी प्रा. लि. के जॉइंट प्रोजेक्ट के डायरेक्टर और ब्रांड एंबेसेडर, दोनों थे। साल 2016 में इन सभी के खिलाफ हाउसिंग प्रोजेक्ट में अपार्टमेंट बुक कराने की एवज में लोगों से कथित तौर पर करोड़ों की ठगी के आरोप में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि बिल्डर ने पीड़ितों के साथ जून-जुलाई में बिल्डर बायर अग्रीमेंट किया, जबकि उसके प्रोजेक्ट का सैंक्शन्ड बिल्डिंग प्लान 6 जून, 2013 में ही एक्सपायर हो गया था। बावजूद इसके बिल्डर्स पीड़ितों से अनधिकृत तरीके से पैसे जमा करते रहे।
प्रस्तावित प्रॉजेक्ट की साइट से जुड़े विवाद के बारे में खरीदारों को जानबूझकर अंधेरे में रखा गया। अथॉरिटीज ने लाइसेंस फीस वगैरह का भुगतान न करने और अन्य औपचारिकताओं की अनदेखी की वजह से संबंधित प्रॉजेक्ट की मंजूरी को 15 अप्रैल, 2015 में रद्द कर दिया था। चार्जशीट में गंभीर और फर्म के अलावा उसके प्रमोटर्स मुकेश खुराना, गौतम मेहरा और बबीता खुराना को आरोपी के तौर पर नामजद किया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि प्रॉजेक्ट का पूरे जोर-शोर के साथ प्रचार किया गया था। आरोप के मुताबिक इसके विज्ञापनों में गंभीर ब्रैंड एंबेसेडर के तौर पर खरीदारों को इसमें इनवेस्टमेंट करने और फ्लैट खरीदने के लिए आकर्षित करते दिखे।
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