नई दिल्ली
यूपी के चर्चित उन्नाव कांड की पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में कोई घर देने को तैयार नहीं है। शिकायतकर्ता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने डिस्ट्रिक्ट जज धर्मेश शर्मा को बताया कि कुछ घर मिले लेकिन लड़की और उससे जुड़े केस के बैकग्राउंड के बारे में बताए जाने पर मकान मालिक उन्हें किराए पर घर देने के लिए तैयार नहीं हुए। इस मुद्दे पर अदालत ने गंभीरता से विचार किया और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को इस काम में मदद के लिए चुना। अदालत ने आयोग को निर्देश दिया कि वह अपनी एक टीम बनाकर शिकायतकर्ता और उसके परिवार वालों को यहां ठहराने की व्यवस्था करने में मदद करे।
दरअसल, जज से पीड़ित लड़की और उसकी मां ने दिल्ली में रहने की इच्छा जताई थी। यूपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ तमाम केस लड़ रही इस लड़की और इसके परिवारवालों को अपने प्रदेश लौटने में डर लग रहा है। शिकायतकर्ता और उसकी मां को पिता की कथित हत्या के मामले में गवाही के लिए शनिवार को अदालत में पेश होना था। हालांकि वे आई नहीं।
आयोग को शिकायतकर्ता के भाई-बहनों के पुनर्वास के मुद्दे पर भी विचार करने के लिए कहा गया है, जिससे वे अपने आगे की पढ़ाई यहां जारी रख सकें या अपनी पसंद के स्किल डिवेलप्मेंट प्रोग्राम में हिस्सा ले सकें। कोर्ट ने आयोग से कहा कि इसमें जो भी खर्चा हो, उसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए जिससे वह उत्तर प्रदेश सरकार से इसकी भरपाई करा सके। इस अदालत के साथ अदालत ने पीड़ित के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत मामले में गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 30 सितंबर की अगली तारीख तय कर दी।
यूपी के चर्चित उन्नाव कांड की पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में कोई घर देने को तैयार नहीं है। शिकायतकर्ता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने डिस्ट्रिक्ट जज धर्मेश शर्मा को बताया कि कुछ घर मिले लेकिन लड़की और उससे जुड़े केस के बैकग्राउंड के बारे में बताए जाने पर मकान मालिक उन्हें किराए पर घर देने के लिए तैयार नहीं हुए। इस मुद्दे पर अदालत ने गंभीरता से विचार किया और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को इस काम में मदद के लिए चुना। अदालत ने आयोग को निर्देश दिया कि वह अपनी एक टीम बनाकर शिकायतकर्ता और उसके परिवार वालों को यहां ठहराने की व्यवस्था करने में मदद करे।
दरअसल, जज से पीड़ित लड़की और उसकी मां ने दिल्ली में रहने की इच्छा जताई थी। यूपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ तमाम केस लड़ रही इस लड़की और इसके परिवारवालों को अपने प्रदेश लौटने में डर लग रहा है। शिकायतकर्ता और उसकी मां को पिता की कथित हत्या के मामले में गवाही के लिए शनिवार को अदालत में पेश होना था। हालांकि वे आई नहीं।
आयोग को शिकायतकर्ता के भाई-बहनों के पुनर्वास के मुद्दे पर भी विचार करने के लिए कहा गया है, जिससे वे अपने आगे की पढ़ाई यहां जारी रख सकें या अपनी पसंद के स्किल डिवेलप्मेंट प्रोग्राम में हिस्सा ले सकें। कोर्ट ने आयोग से कहा कि इसमें जो भी खर्चा हो, उसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए जिससे वह उत्तर प्रदेश सरकार से इसकी भरपाई करा सके। इस अदालत के साथ अदालत ने पीड़ित के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत मामले में गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 30 सितंबर की अगली तारीख तय कर दी।
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