नई दिल्ली
दिल्ली सरकार सीवरों और सेप्टिक टैंकों की हाथ से होने वाली सफाई को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में रोबॉटिक समाधान पर विचार कर रही है। इस लक्ष्य के लिए दिल्ली के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आईआईटी दिल्ली, दिल्ली टेक्नलॉजिकल यूनिवर्सिटी, एनडीएमसी, दिल्ली जल बोर्ड, और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के विशेषज्ञों के साथ सीवर की रोबॉट द्वारा सफाई की संभावना और जरूरत पर चर्चा की।
दिल्ली सरकार की तरफ से गुरुवार को जारी बयान के मुताबिक, यह विचार केरल के स्टार्टअप जेनरोबॉटिक द्वारा विकसित किए गए रोबॉट बैंडीकूट को देखने के बाद आया है जिसे केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के नगर निगमों ने सफाई के काम में शामिल किया है। इसके लिए इन राज्यों में 80 सफाईकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे रोबॉट का इस्तेमाल कर पाएं। बैंडीकूट एक सेमीऑटोमेटिक रोबॉट है। इसे ऑपरेट करने के लिए एक व्यक्ति की जरूरत होती है।
बयान के मुताबिक, 'इस मशीन में कई कैमरा है, एक रोबॉटिक आर्म है जो 360 डिग्री घूम सकता है और कचरे को जमा करने के लिए एक हैंडी बकेट होता है। ऑपरेटर को नेविगेशन की जरूरत है तब जब मैनहोल स्टैंडर्ड साइज का नहीं होता और नीचे कई सीवर लाइन होते हैं।'
मंत्री ने कहा, 'दिल्ली सरकार पहले ही हाथों से सफाई के अमानवीय प्रक्रिया को खत्म करने के विभिन्न प्रयास कर रही है और जल्द सीवर व सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए जल्द ही पूरी तरह से मशीनी सिस्टम की शुरुआत की जाएगी। हालांकि, छोटे लेन और बायलेन के लिए अभी भी रोबॉट की जरूरत होगी जहां कि मशीन नहीं जा सकते।'
बैठक के दौरान आईआईटी के विशेषज्ञों ने कहा कि रोबॉट को दिल्ली की परिस्थितियों के मुताबिक नहीं बनाया गया है। इसलिए उन्होंने यह सुझाव दिया कि दिल्ली जल बोर्ड को दिल्ली में उसके इस्तेमाल की संभावना पर कंपनी से संर्पक करना चाहिए।
दिल्ली सरकार सीवरों और सेप्टिक टैंकों की हाथ से होने वाली सफाई को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में रोबॉटिक समाधान पर विचार कर रही है। इस लक्ष्य के लिए दिल्ली के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आईआईटी दिल्ली, दिल्ली टेक्नलॉजिकल यूनिवर्सिटी, एनडीएमसी, दिल्ली जल बोर्ड, और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के विशेषज्ञों के साथ सीवर की रोबॉट द्वारा सफाई की संभावना और जरूरत पर चर्चा की।
दिल्ली सरकार की तरफ से गुरुवार को जारी बयान के मुताबिक, यह विचार केरल के स्टार्टअप जेनरोबॉटिक द्वारा विकसित किए गए रोबॉट बैंडीकूट को देखने के बाद आया है जिसे केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के नगर निगमों ने सफाई के काम में शामिल किया है। इसके लिए इन राज्यों में 80 सफाईकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे रोबॉट का इस्तेमाल कर पाएं। बैंडीकूट एक सेमीऑटोमेटिक रोबॉट है। इसे ऑपरेट करने के लिए एक व्यक्ति की जरूरत होती है।
बयान के मुताबिक, 'इस मशीन में कई कैमरा है, एक रोबॉटिक आर्म है जो 360 डिग्री घूम सकता है और कचरे को जमा करने के लिए एक हैंडी बकेट होता है। ऑपरेटर को नेविगेशन की जरूरत है तब जब मैनहोल स्टैंडर्ड साइज का नहीं होता और नीचे कई सीवर लाइन होते हैं।'
मंत्री ने कहा, 'दिल्ली सरकार पहले ही हाथों से सफाई के अमानवीय प्रक्रिया को खत्म करने के विभिन्न प्रयास कर रही है और जल्द सीवर व सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए जल्द ही पूरी तरह से मशीनी सिस्टम की शुरुआत की जाएगी। हालांकि, छोटे लेन और बायलेन के लिए अभी भी रोबॉट की जरूरत होगी जहां कि मशीन नहीं जा सकते।'
बैठक के दौरान आईआईटी के विशेषज्ञों ने कहा कि रोबॉट को दिल्ली की परिस्थितियों के मुताबिक नहीं बनाया गया है। इसलिए उन्होंने यह सुझाव दिया कि दिल्ली जल बोर्ड को दिल्ली में उसके इस्तेमाल की संभावना पर कंपनी से संर्पक करना चाहिए।
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Read more: ...तो क्या रोबॉट करेंगे दिल्ली में सीवरों की सफाई