Wednesday, January 2, 2019

एम्स ओपीडी होगा मस्जिद मोठ में शिफ्ट

दुर्गेश नंदन झा, नई दिल्ली
एम्स के ओपीडी में हर रोज अमूमन 8,000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। कैंपस में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर एम्स ओपीडी विभाग ने इसे मुख्य कैंपस से आधा किमी. दूर मस्जिद मोठ के पास शिफ्ट करने की योजना बनाई है। मार्च महीने में वहां नई ओपीडी बनाने की योजना है। मेन कैंपस और नए ओपीडी ब्लॉक के बीच पूरी पारदर्शिता के साथ काम हो सके, इसके लिए खास योजना के तहत काम किया जा रहा है।

एम्स के डेप्युटी डायरेक्टर शुभाशीष पांडा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, नई बिल्डिंग पूरी तरह से तैयार है और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी जरूरतों की सूची तैयार कर ली गई है। ओपीडी शिफ्ट करने का काम सुचारू तरीके से हो, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। पांडा ने कहा, 'हमारा उद्देश्य मार्च तक पूरी तरह से ओपीडी को नए बिल्डिंग में शिफ्ट करने का है।'

मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण यह फैसला

राज कुमारी अमृता कौर ओपीडी ब्लॉक ने बताया, 'एम्स में देश भर के मरीज अपना इलाज कराने के लिए आते हैं। मरीजों की बढ़ती हुई संख्या के कारण मेन कैंपस में काफी भीड़ रहती है और 1950 से यहीं पर ओपीडी का काम हो रहा है। भीड़ का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि कभी-कभी मरीज और कभी उनके रिश्तेदार जमीन पर बैठकर या सोकर रात गुजारते हैं।'

मेन कैंपस में कम होगी भीड़
ओपीडी को मुख्य कैंपस से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट करने से मेन कैंपस में भीड़ पहले से कम होगी। अधिकारियों का कहना है, 'नई बिल्डिंग में आठ मंजिला इमारत में एक पूरा लैब ही सिर्फ ओपीडी के लिए होगा। इस लैब में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कराए जा सकेंगे और मरीजों के वेट करने का समय भी पहले से कम होगा।'

नए ब्लॉक में कई विभाग के ओपीडी

डॉक्टर आरती विज ने बताया, 'नई ओपीडी बिल्डिंग में छोटा ऑपरेशन थिअटर भी होगा और हर फ्लोर पर इलाज के लिए जरूरी सुविधाएं होंगी। एम्स पर मरीजों का अतिरिक्त दबाव है और उम्मीद करते हैं कि नई ओपीडी बिल्डिंग से यह दबाव पहले से काफी कम होगा।' नए ब्लॉक में मेडिसिन, एंडोक्रॉनॉलजी, गेस्ट्रोनिट्ऱॉलजी, ऑर्थोपेडिक, यूरोलॉजी, ईएनटी, फॉर्मेसी और और मनोविज्ञान के लिए भी एक विभाग अलग से होगा।

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