Wednesday, December 26, 2018

मोबाइल ट्रैकर से वकीलों ने स्नैचर को दबोचा

नई दिल्ली
जो काम पुलिस न कर सकी, वह कड़कड़डूमा के कुछ वकीलों ने कर दिया। यह भी कह सकते हैं कि एक वकील के साथ वारदात करना बदमाशों को महंगा पड़ गया। वकीलों के एक ग्रुप ने मोबाइल ट्रैकर की मदद से न सिर्फ अपने साथ वारदात करने वाले को ढूंढ निकाला, बल्कि उस बदमाश को एक और वारदात करते ही मौके पर दबोच लिया। उसके बाद बदमाशों के उस गुप्त ठिकाने तक जा पहुंचे, जो नशेड़ियों और बदमाशों की 'पनाहगाह' था।

कड़कड़डूमा स्थित फाइव स्टार होटल लीला की चारदिवारी के पास बदमाशों के उस गुप्त ठिकाने को देख पुलिस वाले भी दंग रह गए। वह संकरी-गहरी गली में बिजली विभाग का सालों से बंद उजाड़ ऑफिस है, जिसमें ट्रांसफार्मर की आड़ में बने एक कमरे पर बदमाशों ने 'कब्जा' जमाया हुआ था। पुलिस मौके पर पहुंची तो कमरे में चारों तरफ स्मैक की पुड़िया फैली थीं। पुलिस ने दावा किया कि उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि बिजली विभाग के उजाड़ ऑफिस के बीच नशेड़ियों का ऐसा ठिकाना है। आशंका है कि आनंद विहार और क्रॉस रिवर मॉल के आसपास होने वाली तमाम वारदातों के पीछे उसी अड्डे पर नशा करने वालों का हाथ हो सकता है। बता दें कि क्रॉस रिवर मॉल के आसपास का एरिया स्नैचिंग और लूटपाट के लिए कुख्यात है। यहां आए दिन वारदात होती हैं।

बेहद सूझबूझ और दिलेरी से दबोचा बदमाश
कड़कड़डूमा कोर्ट के वकील सुदेश चौधरी और रमेश कुमार अपनी-अपनी फैमिली के साथ 24 दिसंबर को क्रॉस रिवर मॉल गए थे। रात 10:30 बजे वहां से निकले, तभी लीला होटल की तरफ से एक बाइक सवार युवक उनकी तरफ आया। सुदेश की पत्नी का पर्स छीनकर फर्राटे से निकल गया। पर्स में 10 हजार रुपये, मोबाइल, मंगलसूत्र और घर की चाबियां थीं। सुदेश ने बताया कि उन्होंने फौरन उस मोबाइल की लोकेशन को अपने दूसरे मोबाइल के जरिए ट्रैक किया, जो कुछ किलोमीटर आगे ज्वाला नगर एरिया में बंद हो गई। जाहिर हुआ कि मोबाइल स्विच ऑफ हो गया है। वह घर लौट गए। मोबाइल अगले दिन (कल सुबह) फिर ऑन हुआ, जिसका मैसेज उनके मोबाइल पर मिल गया।

उन्होंने फौरन अपने साथी एडवोकेट रवींद्र तोमर, जितेंद्र चौधरी और रमेश कुमार के साथ मोबाइल की लोकेशन का पीछा किया। वे चारों एडवोकेट बाइक पर सवार थे। मोबाइल ट्रैकर से लोकेशन का पीछा करते-करते विवेक विहार पहुंच गए। अब मुश्किल यह थी कि उनके मोबाइल की लोकेशन उनके आसपास आ रही थी, लेकिन भीड़ में स्नैचर को पहचानते कैसे? इसे इत्तेफाक कहें या बदमाश की फितरत, आरोपी ने राह चलती एक लेडी का पर्स छीन लिया। शोर मच गया। चारों एडवोकेट पहले से चौकन्ने थे।

सुदेश ने बताया कि जैसे ही चीख पुकार मची। उन्होंने बाइक सवार बदमाश का पीछा किया। कुछ मीटर पर बदमाश बाइक से स्लिप होकर गिर गया। उसे बुरी तरह चोट लगी। इतने में उनके साथी एडवोकेट व पब्लिक के अन्य लोगों ने उसे दबोच लिया। लेडी का पर्स उससे रिकवर कर लिया। पुलिस मौके पर पहुंची तो उससे रात में उनका पर्स छीनने के बारे में पूछताछ की। जब उससे पर्स में रखी घर की चाबियों के बारे में पूछा तो वह अपने गुप्त ठिकाने पर ले गया। चाबियां बरामद हुईं। मोबाइल भी रिकवर हो गया। उनका खाली पर्स एक पार्क में फेंका मिला। कैश और मंगलसूत्र की रिकवरी के लिए पुलिस की पूछताछ जारी है।

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