नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने फर्जी लेटरहेड पर प्रधानमंत्री कार्यालय को कथित रूप से चिट्ठी लिखकर एक मामले में कार्रवाई के लिए कहने के संबंध में एक असिस्टेंट प्रफेसर को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने जी एम गोविंदप्पा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि उनके पास से 48 फर्जी लेटरहेड बरामद हुए हैं, वह जांच में शामिल नहीं हुए हैं और उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ है।
अदालत ने कहा कि फर्जी लेटरहेड पर पत्र लिखकर प्रधानमंत्री कार्यालय से एक मामले में कार्रवाई के लिए कहना एक गंभीर विषय है और पूरी सच्चाई का पता लगाना जरूरी है। अदालत ने कहा कि आरोपी कर्नाटक में भी इस तरह के एक मामले में लिप्त रहे हैं। अपने अग्रिम जमानत आवेदन में आरोपी ने दावा किया था कि वह निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने फर्जी लेटरहेड पर प्रधानमंत्री कार्यालय को कथित रूप से चिट्ठी लिखकर एक मामले में कार्रवाई के लिए कहने के संबंध में एक असिस्टेंट प्रफेसर को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने जी एम गोविंदप्पा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि उनके पास से 48 फर्जी लेटरहेड बरामद हुए हैं, वह जांच में शामिल नहीं हुए हैं और उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ है।
अदालत ने कहा कि फर्जी लेटरहेड पर पत्र लिखकर प्रधानमंत्री कार्यालय से एक मामले में कार्रवाई के लिए कहना एक गंभीर विषय है और पूरी सच्चाई का पता लगाना जरूरी है। अदालत ने कहा कि आरोपी कर्नाटक में भी इस तरह के एक मामले में लिप्त रहे हैं। अपने अग्रिम जमानत आवेदन में आरोपी ने दावा किया था कि वह निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
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