नई दिल्ली
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल चालान काटने के मामले में नया रेकॉर्ड बनाया है। पिछले साल दिल्ली में अलग-अलग तरह के ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन के मामलों में पुलिस ने कुल 64,41,400 चालान काटे, जिनमें से 59,74,765 कैश चालान थे। यानी इनमें लोगों ने मौके पर फाइन जमा करा दिया। बाकी 4,66,635 चालान कोर्ट के थे। दोनों ही तरह के चालानों से जो जुर्माना लिया गया, उससे सरकार के खाते में कुल 94.25 करोड़ रुपये जमा हुए। टोटल मुकदमा भी 2016 के मुकाबले 53.52 प्रतिशत ज्यादा रहा। कुछ मामलों में तो बीते साल 10 लाख से ज्यादा चालान काटे गए। मसलन, हेलमेट के बिना बाइक चलाने के मामले में 11,02,354 लोगों के चालान काटे गए, जबकि अवैध पार्किंग के मामले में 10,88,734 चालान काटे गए।
ढिलाई भी दिखी
कुछ मामलों में ट्रैफिक पुलिस की ढिलाई भी नजर आई। जैसे कि दिल्ली में बहुत से लोग कार चलाते वक्त मोबाइल पर बात करते नजर आते हैं, लेकिन इस मामले में पिछले पूरे साल के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने सिर्फ 15,182 चालान काटे, जबकि सड़क हादसों में यह एक बड़ी वजह है। इसी तरह दिल्ली में बड़ी तादाद में नाबालिग गाड़ी चलाते नजर आ जाते हैं, लेकिन इस मद में भी केवल 1,067 चालान कटे। दिल्ली में डीटीसी की ज्यादातर बसें स्टॉप के बजाय रास्ते में सवारियां चढ़ाती-उतारती हैं, लेकिन इस मद में भी केवल 723 चालान कटे। बिना स्पीड गर्वनर के गाड़ी चलाने के मामले में भी सिर्फ 543 गाड़ियों के ही चालान काटे गए।
सड़क हादसों में आई कमी
दिल्ली पुलिस की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने विभाग के सालाना कामकाज का ब्यौरा देते हुए ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक ने बताया कि पिछले साल सड़क हादसों में कमी आई। पिछले साल 6456 सड़क हादसों में 1505 लोगों की मौत हुई और 6331 लोग जख्मी हुए, जबकि 2016 में 7067 हादसों में 1530 लोग मारे गए थे और 6853 लोग जख्मी हुए थे।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल चालान काटने के मामले में नया रेकॉर्ड बनाया है। पिछले साल दिल्ली में अलग-अलग तरह के ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन के मामलों में पुलिस ने कुल 64,41,400 चालान काटे, जिनमें से 59,74,765 कैश चालान थे। यानी इनमें लोगों ने मौके पर फाइन जमा करा दिया। बाकी 4,66,635 चालान कोर्ट के थे। दोनों ही तरह के चालानों से जो जुर्माना लिया गया, उससे सरकार के खाते में कुल 94.25 करोड़ रुपये जमा हुए। टोटल मुकदमा भी 2016 के मुकाबले 53.52 प्रतिशत ज्यादा रहा। कुछ मामलों में तो बीते साल 10 लाख से ज्यादा चालान काटे गए। मसलन, हेलमेट के बिना बाइक चलाने के मामले में 11,02,354 लोगों के चालान काटे गए, जबकि अवैध पार्किंग के मामले में 10,88,734 चालान काटे गए।
ढिलाई भी दिखी
कुछ मामलों में ट्रैफिक पुलिस की ढिलाई भी नजर आई। जैसे कि दिल्ली में बहुत से लोग कार चलाते वक्त मोबाइल पर बात करते नजर आते हैं, लेकिन इस मामले में पिछले पूरे साल के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने सिर्फ 15,182 चालान काटे, जबकि सड़क हादसों में यह एक बड़ी वजह है। इसी तरह दिल्ली में बड़ी तादाद में नाबालिग गाड़ी चलाते नजर आ जाते हैं, लेकिन इस मद में भी केवल 1,067 चालान कटे। दिल्ली में डीटीसी की ज्यादातर बसें स्टॉप के बजाय रास्ते में सवारियां चढ़ाती-उतारती हैं, लेकिन इस मद में भी केवल 723 चालान कटे। बिना स्पीड गर्वनर के गाड़ी चलाने के मामले में भी सिर्फ 543 गाड़ियों के ही चालान काटे गए।
सड़क हादसों में आई कमी
दिल्ली पुलिस की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने विभाग के सालाना कामकाज का ब्यौरा देते हुए ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक ने बताया कि पिछले साल सड़क हादसों में कमी आई। पिछले साल 6456 सड़क हादसों में 1505 लोगों की मौत हुई और 6331 लोग जख्मी हुए, जबकि 2016 में 7067 हादसों में 1530 लोग मारे गए थे और 6853 लोग जख्मी हुए थे।
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