नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग ने दावा किया है कि जीएसटी लागू होने के बाद पिछले एक महीने में दिल्ली के होलसेल बाजारों में 80 पर्सेंट व्यापार कम हुआ है। ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में ट्रेड विंग ने दिल्ली के होलसेल बाजारों में व्यापारियों से बातचीत की और उनकी राय जानी। ज्यादातर व्यापारियों ने कहा कि एक महीने में 15 से 20 पर्सेंट ही सेल हुई है। जीएसटी को लागू हुए पूरा एक महीना बीत गया है, लेकिन अभी भी व्यापारी इसको समझने में ही उलझे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जो स्थिति नोटबंदी के बाद बाजारों की हो गई थी, वही स्थिति अभी हो गई है, व्यापार एकदम मंदा हो गया है और सेल एकदम कम हो गई है। व्यापारियों में अभी बहुत सारी चीजों को लेकर असमंजस की स्थिति है, जैसे अभी कई कमॉडिटी के व्यापारी टैक्स दरों को लेकर भ्रमित हैं, तो बहुत सारे व्यापारी पुराने स्टॉक को लेकर चिंतित हैं।
अधिकतर व्यापारी जीएसटी के नए बिलिंग पैटर्न को लेकर दुविधा में हैं और ज्यादातर ने अभी अपना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर भी अपडेट नहीं कराया है। जिन कारोबारियों की कमॉडिटी पहले टैक्स फ्री थी, उनमें से बहुत कारोबारियों ने अभी तक जीएसटी में पंजीकरण नहीं कराया है। बृजेश गोयल ने बताया कि फिलहाल कारोबारी दुकान चलाने की अपेक्षा जीएसटी को समझने में उलझे हुए हैं और इसके लिए टैक्स एक्सपर्ट्स और अपने सहयोगी दुकानदारों की मदद ले रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग ने दावा किया है कि जीएसटी लागू होने के बाद पिछले एक महीने में दिल्ली के होलसेल बाजारों में 80 पर्सेंट व्यापार कम हुआ है। ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में ट्रेड विंग ने दिल्ली के होलसेल बाजारों में व्यापारियों से बातचीत की और उनकी राय जानी। ज्यादातर व्यापारियों ने कहा कि एक महीने में 15 से 20 पर्सेंट ही सेल हुई है। जीएसटी को लागू हुए पूरा एक महीना बीत गया है, लेकिन अभी भी व्यापारी इसको समझने में ही उलझे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जो स्थिति नोटबंदी के बाद बाजारों की हो गई थी, वही स्थिति अभी हो गई है, व्यापार एकदम मंदा हो गया है और सेल एकदम कम हो गई है। व्यापारियों में अभी बहुत सारी चीजों को लेकर असमंजस की स्थिति है, जैसे अभी कई कमॉडिटी के व्यापारी टैक्स दरों को लेकर भ्रमित हैं, तो बहुत सारे व्यापारी पुराने स्टॉक को लेकर चिंतित हैं।
अधिकतर व्यापारी जीएसटी के नए बिलिंग पैटर्न को लेकर दुविधा में हैं और ज्यादातर ने अभी अपना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर भी अपडेट नहीं कराया है। जिन कारोबारियों की कमॉडिटी पहले टैक्स फ्री थी, उनमें से बहुत कारोबारियों ने अभी तक जीएसटी में पंजीकरण नहीं कराया है। बृजेश गोयल ने बताया कि फिलहाल कारोबारी दुकान चलाने की अपेक्षा जीएसटी को समझने में उलझे हुए हैं और इसके लिए टैक्स एक्सपर्ट्स और अपने सहयोगी दुकानदारों की मदद ले रहे हैं।
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