नई दिल्ली
दिल्ली में चोटी कटने की खबरों के बीच दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अगर चोटी कटने वाले मामले में किसी ने अफवाह फैलाई तो ऐसे शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि अफवाहों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। हो यह रहा है कि एक गांव में अगर किसी की चोटी कट गई तो वहां अन्य कितनी ही महिलाओं की चोटी कटने की अफवाहें इलाके में फैलने लग जाती हैं। इस तरह की अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है।
पुलिस इलाके में जाकर पता लगाएगी कि आखिर किस-किस ने इस तरह की अफवाहों को जन्म दिया था। इसमें किसी शरारती तत्वों का भी हाथ हो सकता है। इसमें यह भी शामिल किया जाएगा कि अगर किसी ने पुलिस को 100 नंबर पर कॉल करके चोटी कटने की सूचना दी और मौके पर गई पुलिस को वहां चोटी कटी नहीं मिली तो ऐसा मामला भी अफवाह फैलाने वाली कैटिगरी में आएगा। इस तरह के मामलों में भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता दीपेन्द्र पाठक ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है, 'हां, हम चोटी कटने की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज करेंगे।' उन्होंने बताया कि दिल्ली में अभी तक चोटी कटने की जितनी भी घटनाएं हुईं हैं। इनकी जांच में किसी में भी किसी बाहरी शख्स का हाथ सामने नहीं आया है। बहरहाल, पुलिस का कहना है कि चोटी कटने के मामले सोमवार तक आए। लेकिन मंगलवार शाम 5 बजे तक तो किसी ने 100 नंबर पर कॉल करके चोटी कटने की खबर नहीं दी। धीरे-धीरे चोटी कटने की खबरों के कम आने से लग रहा है कि अब यह मसला दिल्ली में बहुत अधिक नहीं चलने वाला है। पुलिस का कहना है कि शुरुआत में चोटी काटने वाले को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के वे अधिकारी भी लगा दिए गए थे जिन्हें आमतौर पर खतरनाक अपराधियों को पकड़ने या वारदातों को सुलझाने में लगाया जाता है।
दिल्ली में चोटी कटने की खबरों के बीच दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अगर चोटी कटने वाले मामले में किसी ने अफवाह फैलाई तो ऐसे शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि अफवाहों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। हो यह रहा है कि एक गांव में अगर किसी की चोटी कट गई तो वहां अन्य कितनी ही महिलाओं की चोटी कटने की अफवाहें इलाके में फैलने लग जाती हैं। इस तरह की अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है।
पुलिस इलाके में जाकर पता लगाएगी कि आखिर किस-किस ने इस तरह की अफवाहों को जन्म दिया था। इसमें किसी शरारती तत्वों का भी हाथ हो सकता है। इसमें यह भी शामिल किया जाएगा कि अगर किसी ने पुलिस को 100 नंबर पर कॉल करके चोटी कटने की सूचना दी और मौके पर गई पुलिस को वहां चोटी कटी नहीं मिली तो ऐसा मामला भी अफवाह फैलाने वाली कैटिगरी में आएगा। इस तरह के मामलों में भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता दीपेन्द्र पाठक ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है, 'हां, हम चोटी कटने की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज करेंगे।' उन्होंने बताया कि दिल्ली में अभी तक चोटी कटने की जितनी भी घटनाएं हुईं हैं। इनकी जांच में किसी में भी किसी बाहरी शख्स का हाथ सामने नहीं आया है। बहरहाल, पुलिस का कहना है कि चोटी कटने के मामले सोमवार तक आए। लेकिन मंगलवार शाम 5 बजे तक तो किसी ने 100 नंबर पर कॉल करके चोटी कटने की खबर नहीं दी। धीरे-धीरे चोटी कटने की खबरों के कम आने से लग रहा है कि अब यह मसला दिल्ली में बहुत अधिक नहीं चलने वाला है। पुलिस का कहना है कि शुरुआत में चोटी काटने वाले को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के वे अधिकारी भी लगा दिए गए थे जिन्हें आमतौर पर खतरनाक अपराधियों को पकड़ने या वारदातों को सुलझाने में लगाया जाता है।
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