नई दिल्ली
सड़क किनारे अवैध रूप से गाड़ियां खड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस सख्त एक्शन लेती है। ट्रैफिक पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि दिल्ली हर रोज 2500 से अधिक अवैध पार्किंग के चालान काटे जाते हैं। स्पेशल ड्राइव के दौरान चालान का यह आंकड़ा कहीं अधिक होता है।
ट्रैफिक पुलिस के अफसरों ने बताया कि हर महीने औसतन अवैध पार्किंग के 75,000 से 80,000 चालान काटे जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसके तहत कई तरह के चालान काटे जाते हैं। चालान की राशि 100 से लेकर 800 रुपये तक हो सकती है। यानी जहां कहीं पर नो पार्किंग का बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन इसके बाद भी गाड़ी खड़ी की जाती है तो उसका 600 रुपये का चालान काटा जाएगा। नो पार्किंग जोन से ट्रैफिक पुलिस की क्रेन गाड़ी को उठाकर ले जाती है तो ऐसी स्थिति में चालान की राशि बढ़कर 800 रुपये तक पहुंच जाएगी। अफसर ने बताया कि जहां कहीं सड़क पर आड़ी-तिरछी गाड़ी खड़ी होती है अगर ऐसी जगह से ट्रैफिक पुलिस की क्रेन गाड़ी उठाती हो वहां चालान की रकम 300 रुपये रहेगी। इसमें 100 रुपये का नो पार्किंग का चालान और 200 रुपये क्रेन चार्ज के रूप में वसूला जाता है।
ईस्टर्न रेंज के डीसीपी (ट्रैफिक) किमे केमिंग ने बताया कि इस समय दिल्ली में गाड़ियों की पार्किंग बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आ रही है। बावजूद इसके हर रोज दिल्ली में सैकड़ों की संख्या में नई कारें सड़कों पर आ रही हैं। इस समय दिल्ली में पार्किंग स्पेस की बहुत कमी है। पार्किंग में गाड़ियों की बहुत ज्यादा भीड़ होती है। पार्किंग की फीस इतनी अधिक है कि लोग भी वहां गाड़ियां खड़ी करने से बचते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें जहां कहीं पर भी जगह मिलती है वहां गाड़ी खड़ी करके अपने काम निपटाने के लिए चले जाते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को पॉलिसी बनानी होगी। उनका यह भी कहना है कि पार्किंग स्पेस उपलब्ध होने पर ही कार आदि को रजिस्टर्ड किया जाना चाहिए। लोग कॉलोनियों में इधर-उधर सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी करते हैं। यही वजह है कि इस समय पार्किंग को लेकर लगातार झगड़े बढ़ रहे हैं।
सड़क किनारे अवैध रूप से गाड़ियां खड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस सख्त एक्शन लेती है। ट्रैफिक पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि दिल्ली हर रोज 2500 से अधिक अवैध पार्किंग के चालान काटे जाते हैं। स्पेशल ड्राइव के दौरान चालान का यह आंकड़ा कहीं अधिक होता है।
ट्रैफिक पुलिस के अफसरों ने बताया कि हर महीने औसतन अवैध पार्किंग के 75,000 से 80,000 चालान काटे जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसके तहत कई तरह के चालान काटे जाते हैं। चालान की राशि 100 से लेकर 800 रुपये तक हो सकती है। यानी जहां कहीं पर नो पार्किंग का बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन इसके बाद भी गाड़ी खड़ी की जाती है तो उसका 600 रुपये का चालान काटा जाएगा। नो पार्किंग जोन से ट्रैफिक पुलिस की क्रेन गाड़ी को उठाकर ले जाती है तो ऐसी स्थिति में चालान की राशि बढ़कर 800 रुपये तक पहुंच जाएगी। अफसर ने बताया कि जहां कहीं सड़क पर आड़ी-तिरछी गाड़ी खड़ी होती है अगर ऐसी जगह से ट्रैफिक पुलिस की क्रेन गाड़ी उठाती हो वहां चालान की रकम 300 रुपये रहेगी। इसमें 100 रुपये का नो पार्किंग का चालान और 200 रुपये क्रेन चार्ज के रूप में वसूला जाता है।
ईस्टर्न रेंज के डीसीपी (ट्रैफिक) किमे केमिंग ने बताया कि इस समय दिल्ली में गाड़ियों की पार्किंग बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आ रही है। बावजूद इसके हर रोज दिल्ली में सैकड़ों की संख्या में नई कारें सड़कों पर आ रही हैं। इस समय दिल्ली में पार्किंग स्पेस की बहुत कमी है। पार्किंग में गाड़ियों की बहुत ज्यादा भीड़ होती है। पार्किंग की फीस इतनी अधिक है कि लोग भी वहां गाड़ियां खड़ी करने से बचते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें जहां कहीं पर भी जगह मिलती है वहां गाड़ी खड़ी करके अपने काम निपटाने के लिए चले जाते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को पॉलिसी बनानी होगी। उनका यह भी कहना है कि पार्किंग स्पेस उपलब्ध होने पर ही कार आदि को रजिस्टर्ड किया जाना चाहिए। लोग कॉलोनियों में इधर-उधर सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी करते हैं। यही वजह है कि इस समय पार्किंग को लेकर लगातार झगड़े बढ़ रहे हैं।
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