नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कानूनों की अवहेलना कर बिना अधिकार होते हुए मंत्री स्तर के सरकारी बंगले को फर्नीचर एवं 14 एसी सहित अपनी पार्टी को कार्यालय के लिए आवंटित कर दिया। अब जब शुंगलू कमिटी के निष्कर्ष के आधार पर एलजी ने आवंटन रद्द किया है तो वह मनगढ़ंत बयानबाजी कर खुद को दया के पात्र के रूप में दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं। जनता अब सारी सचाई जान चुकी है।
विपक्ष के नेता ने यह बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भली भांति जानते हैं कि दिल्ली में भूमि उपयोग के मामले में निर्णय लेना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। फिर भी 5 अक्टूबर, 2015 को उन्होंने कानून, भूमि एवं भवन, वित्त विभागों की मंजूरी लिए बिना अपने सचिव से रिहायशी सरकारी बंगले को राजनीतिक दल को आवंटित करने का प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया।
सचिव द्वारा बनाए प्रस्ताव पर पी.डब्ल्यू.डी. सहित विभिन्न विभागों ने आपत्ति जताई, मगर सभी आपत्तियों को नजरअंदाज कर केजरीवाल ने मंत्री स्तरीय सरकारी बंगले 206, राउज एवेन्यू को अपने राजनीतिक दल को आवंटित कर दिया।
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