नई दिल्ली
MCD चुनावों की गहमागहमी के बीच कई सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का विरोध हो रहा है। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली की चौहान बांगर सीट से आप प्रत्याशी अब्दुल रहमान के खिलाफ क्रिमिनल केस का हवाला देकर विरोध तेज हो गया है। आरोप है कि अब्दुल रहमान की पत्नी ने 4 फरवरी 2009 को जाफरबाद स्थित जीनत महल सर्वोदय विद्यालय की प्रिंसिपल रजिया बेगम को स्कूल स्टाफ के सामने थप्पड़ मारे और धक्का-मुक्की की। इस मामले में अब्दुल रहमान भी आरोपी हैं। उन पर आरोप है कि वह अपने लोगों के साथ स्कूल में घुसे और प्रिंसिपल से गाली-गलौज करके धमकी दी।न
प्रिंसिपल की शिकायत पर जाफराबाद थाने में आईपीसी की दफा 451, 323, 506, 509/34 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। ये दफाएं स्कूल में अनाधिकृत प्रवेश, मारपीट, धमकी देने और महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने से संबंधित हैं। इस केस में प्रिंसिपल कोर्ट में अब्दुल रहमान और उनकी पत्नी के खिलाफ गवाही दे चुकी हैं। फैसला आना बाकी है। रहमान की पत्नी आसमा रहमान चौहान बांगर से मौजूदा समय में पार्षद हैं। आरोप है कि स्कूल प्रिंसिपल ने उनकी बेटी को स्कूल में स्कूटी लाने से रोका था, इस पर कहासुनी के चलते आसमा रहमान ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिए थे।
उन्हीं थप्पड़ों की ‘गूंज’ अब एमसीडी चुनावों में सुनाई दे रही है। अब्दुल रहमान को आप का टिकट दिए जाने के खिलाफ कई लोगों ने हस्ताक्षर करके अरविंद केजरीवाल को कई पेज का पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि रहमान को टिकट देना आम आदमी पार्टी के सिद्धान्तों के खिलाफ है, जिससे पार्टी की छवि खराब हो रही है।
दूसरी ओर अब्दुल रहमान का पक्ष है कि उनके चुनाव में आप कार्यकर्ता पूरी तरह साथ हैं। उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले विरोधी पार्टी के नेता हैं, जो नहीं चाहते कि एरिया में आप उम्मीदवार जीते। इसलिए पार्टी में उनके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। उन पर सिर्फ यही एफआईआर दर्ज है, वह भी उन्हें साजिशन फंसाया गया। बेटी की स्कूटी के मसले पर उनकी पत्नी और प्रिंसिपल के बीच कहासुनी हुई थी, जिसमें मौखिक तौर पर माफीनामा होने के बावजूद एफआईआर दर्ज करवा दी गई। उसमें उनका कोई रोल नहीं था, लेकिन गाली-गलौज और गुंडे लाने का आरोप लगाकर उन्हें आरोपी बनाया गया। उस मामले में कोर्ट का फैसला अभी नहीं आया है, फिर उन्हें कैसे गुनहगार ठहराया जा सकता है?
MCD चुनावों की गहमागहमी के बीच कई सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का विरोध हो रहा है। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली की चौहान बांगर सीट से आप प्रत्याशी अब्दुल रहमान के खिलाफ क्रिमिनल केस का हवाला देकर विरोध तेज हो गया है। आरोप है कि अब्दुल रहमान की पत्नी ने 4 फरवरी 2009 को जाफरबाद स्थित जीनत महल सर्वोदय विद्यालय की प्रिंसिपल रजिया बेगम को स्कूल स्टाफ के सामने थप्पड़ मारे और धक्का-मुक्की की। इस मामले में अब्दुल रहमान भी आरोपी हैं। उन पर आरोप है कि वह अपने लोगों के साथ स्कूल में घुसे और प्रिंसिपल से गाली-गलौज करके धमकी दी।न
प्रिंसिपल की शिकायत पर जाफराबाद थाने में आईपीसी की दफा 451, 323, 506, 509/34 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। ये दफाएं स्कूल में अनाधिकृत प्रवेश, मारपीट, धमकी देने और महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने से संबंधित हैं। इस केस में प्रिंसिपल कोर्ट में अब्दुल रहमान और उनकी पत्नी के खिलाफ गवाही दे चुकी हैं। फैसला आना बाकी है। रहमान की पत्नी आसमा रहमान चौहान बांगर से मौजूदा समय में पार्षद हैं। आरोप है कि स्कूल प्रिंसिपल ने उनकी बेटी को स्कूल में स्कूटी लाने से रोका था, इस पर कहासुनी के चलते आसमा रहमान ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिए थे।
उन्हीं थप्पड़ों की ‘गूंज’ अब एमसीडी चुनावों में सुनाई दे रही है। अब्दुल रहमान को आप का टिकट दिए जाने के खिलाफ कई लोगों ने हस्ताक्षर करके अरविंद केजरीवाल को कई पेज का पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि रहमान को टिकट देना आम आदमी पार्टी के सिद्धान्तों के खिलाफ है, जिससे पार्टी की छवि खराब हो रही है।
दूसरी ओर अब्दुल रहमान का पक्ष है कि उनके चुनाव में आप कार्यकर्ता पूरी तरह साथ हैं। उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले विरोधी पार्टी के नेता हैं, जो नहीं चाहते कि एरिया में आप उम्मीदवार जीते। इसलिए पार्टी में उनके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। उन पर सिर्फ यही एफआईआर दर्ज है, वह भी उन्हें साजिशन फंसाया गया। बेटी की स्कूटी के मसले पर उनकी पत्नी और प्रिंसिपल के बीच कहासुनी हुई थी, जिसमें मौखिक तौर पर माफीनामा होने के बावजूद एफआईआर दर्ज करवा दी गई। उसमें उनका कोई रोल नहीं था, लेकिन गाली-गलौज और गुंडे लाने का आरोप लगाकर उन्हें आरोपी बनाया गया। उस मामले में कोर्ट का फैसला अभी नहीं आया है, फिर उन्हें कैसे गुनहगार ठहराया जा सकता है?
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