Tuesday, March 28, 2017

MCD चुनाव: हाउस टैक्स हटाने से बढ़ेगा कमर्शल स्लैब!


प्रमोद राय, नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव जीतने पर रेजिडेंशल प्रॉपर्टी टैक्स खत्म करने का वादा कर सियासी सनसनी फैला दी है। हालांकि जानकारों का कहना है कि रिहायशी कैटिगरी में दी जाने वाली सौगात की कीमत कमर्शल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को चुकानी पड़ सकती है। यही नहीं, कोई भी सरकार ए और बी कैटिगरी की रईस कॉलोनियों को यूं ही नहीं छोड़ देगी। यहां बेटरमेंट टैक्स जैसे दूसरे जरियों से मोटी उगाही की जा सकती है। निगमों के पास आय के लिए म्यूनिसिपॉलिटी बॉन्ड और प्रफेशनल टैक्स जैसे विकल्प भी मौजूद होंगे।

10 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी से सालाना करीब 600 करोड़ टैक्स वसूलने वाली नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर पी के गुप्ता ने कहा, 'प्रॉपर्टी टैक्स निगमों की आय का सबसे बड़ा स्रोत है। करीब आधा टैक्स रेजिडेंशल, 35-40 पर्सेंट कमर्शल और 10-15 पर्सेंट इंडस्ट्रियल सेगमेंट से आता है। अगर रेजिडेंशल टैक्स खत्म करना है और बजट भी संतुलित रखना है तो दूसरी कैटिगरीज में स्लैब बढ़ाने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि अन्य विकल्प बहुत सीमित हैं।' खराब माली हालत वाली ईस्ट एमसीडी के एक पूर्व कमिश्नर ने बताया, 'दिल्ली सरकार ने पिछले साल निगमों पर एमवीसी की सिफारिशें लागू करने का दबाव बनाया था। नतीजतन ईडीएमसी ने इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी टैक्स में 10 गुना इजाफा कर दिया, जिसे जल्द वापस भी ले लिया गया था। संभव है कि सरकार यह बढ़ोतरी बहाल कर दे। ट्रेडर्स को रेजिडेंशल के कमर्शल में बदलने के लिए भी भारी शुल्क के लिए तैयार रहना चाहिए।' दिल्ली के आधे से ज्यादा बाजारों और औद्योगिक इलाकों में अब भी प्रॉपर्टी टैक्स के निचले स्लैब लागू हैं।

दिल्ली फाइनैंस कमिशन के चेयमैन सुधीर कृष्णा ने सोमवार को एक औद्योगिक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'निगमों के पास वॉटर और सीवेज ट्रीटमेंट जैसे बड़े प्रॉजेक्ट्स के लिए बॉन्ड जारी करने का विकल्प है। बेटरमेंट टैक्स को भी रेवेन्यू के लिए भुनाया नहीं जा सका है।' ए और बी कैटिगरी की रईस कॉलोनियों वाली साउथ एमसीडी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'कोई निगम इन कॉलोनियों को पूरी छूट नहीं दे सकता। अगर हाउस टैक्स खत्म होगा तो उससे ज्यादा स्लैब के साथ बेटरमेंट टैक्स या कोई नया कर आएगा। दिल्ली सरकार ने बिजली बिल 50 फीसदी तो घटा दिया, लेकिन 400 यूनिट से ज्यादा खर्च करने वालों का बिल काफी बढ़ गया।' ईडीएमसी चार साल से प्रफेशनल टैक्स लगाने की नाकाम पहल करती रही है। नई सरकार इस मद में काफी भरपाई कर सकती है क्योंकि दिल्ली की आबादी का बड़ा हिस्सा प्रफेशनल है।

वहीं, दिल्ली सरकार और आप के सूत्रों ने कहा कि ईडीएमसी ने अगले साल के बजट में 27 वर्गमीटर से छोटे मकानों पर प्रॉपर्टी टैक्स खत्म करने की पेशकश की है। अब जब हम सभी मकानों को यह छूट दे रहे हैं तो बीजेपी बेचैन क्यों है? इसी तरह नॉर्थ एमसीडी ने भी अपने बजट में कन्वर्जन चार्ज खत्म करने का ऐलान कर रखा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि बिजली-पानी पर करीब 2000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही सरकार अपनी सत्ता वाले निगमों में 1500 करोड़ रुपये की छूट को भी आसानी से अजस्ट कर सकती है।

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