Thursday, March 30, 2017

हमले: एक चौथाई तेल अफ्रीका से, कूटनीति पर फिरेगा पानी?

सचिन पराशर, नई दिल्ली
अफ्रीकी स्टूडेंट्स पर बार-बार हो रहे हमलों का दूरगामी असर हो सकता है। जानकार मानते हैं कि इससे अफ्रीका महाद्वीप के देशों से रिश्ते सुधारने की भारत की कवायद पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। संसाधनों से समृद्ध इन देशों से रिश्तों में कड़वाहट भारत के लिए ठीक नहीं है क्योंकि वैश्विक प्रभाव कायम करने की दिशा में हम पड़ोसी मुल्क चीन से होड़ में हैं। शायद इन आशंकाओं से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी वाकिफ थीं। उन्होंने ग्रेटर नोएडा में नाइजीरियन नागरिकों पर हुए हमले के बाद तुंरत प्रतिक्रिया दी। बता दें कि भारत ने अपने ऊर्जा संसाधनों की बेहतरी के लिए हाल-फिलहाल में अपनी कोशिशें तेज की हैं। भारत में आयात किए जाने वाले क्रूड ऑयल में 25 पर्सेंट हिस्सेदारी अफ्रीका की है। इसका आधा हिस्सा नाइजीरिया से आता है।

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पूर्व राजदूत और कूटनीतिक मामलों के जानकार इस बात पर एकराय हैं कि सरकार को भारत और अफ्रीकी देशों के बीच रिश्तों को कोई नुकसान पहुंचने से पहले प्रभावी कदम उठाने चाहिए। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा में हुई घटना अफ्रीका में भारत की छवि को खराब कर सकता है।

बता दें कि यहां एक स्थानीय युवक की मौत के बाद भीड़ ने नाइजीरियाई नागरिकों पर हमला किया था। सिब्बल के मुताबिक, 'यह एक जटिल मुद्दा है, जो कई अफ्रीकी देशों से जुड़ा हुआ है। यह अहम है कि हम अफ्रीकी देशों के मिशनों की भावनाएं शांत करें। इसके अलावा, इस मुद्दे का स्थाई हल निकालने की दिशा में भी काम करना चाहिए।'

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कूटनीतिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि अफ्रीका महाद्वीप में चीन की बढ़ती दखल के बीच भारत भी वहां अपना प्रभाव बढ़ाने में लगा हुआ है। चेलानी के मुताबिक, अफ्रीकी नागरिकों पर हो रहे हमलों से भारत की विश्वसनीय छवि पर बट्टा लग सकता है। उन्होंने कहा, 'अगर ऐसे हमले जारी रहते हैं तो भारत की अफ्रीका में कूटनीतिक कोशिशें बेकार हो सकती हैं। नाइजीरियाई नागरिकों पर हुए हमले के बाद विदेश मंत्री स्वराज ने दखल देकर बेहतर काम किया।' वहीं, एक शीर्ष अफ्रीकी राजनयिक ने पहचान सार्वजनिक न किए जाने की शर्त पर कहा कि ग्रेटर नोएडा में हुआ हमला नस्लीय था, भले ही स्थानीय प्रशासन यह बाते माने या न माने। उन्होंने कहा, 'समस्या यह है कि अफ्रीकी लोगों के बारे में लोगों के बीच पर्याप्त जागरूकता नहीं है।'

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अफ्रीकियों पर हुए पूर्व के हमलों की तरह ही हाल की घटनाओं को भी इंटरनैशनल और अफ्रीकी मीडिया में खूब जगह मिली है। असोसिएशन ऑफ अफ्रीकन स्टूडेंट्स इन इंडिया (AASI) के मुताबिक, भले ही पुलिसवालों ने हमारी हिफाजत को लेकर भरोसा दिलाया हो, लेकिन स्थानीय प्रशासन की तरफ से ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। असोसएिशन के अध्यक्ष सैमुअल जैक ने कहा, 'जो कुछ भी हुआ, उसके लिए सरकार की तरफ से किसी को माफी मांगनी चाहिए थी। हम कुछ ऐसे कदम चाहते हैं, जिससे हम सुरक्षित महसूस कर सकें।' हाल में हुए हमलों ने विदेश मंत्रालय को भी अलर्ट कर दिया है। हालांकि, मंत्रालय कानून-व्यवस्था और इन घटनाओं को रोकने के लिए पूरी तरह से स्थानीय मशीनरी पर निर्भर है।

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नाइजीरिया में हाई कमिश्नर रहे एचएस विश्वनाथन ने कहा कि इस मामले में तुरंत तो यही किया जा सकता है कि कानून-व्यवस्था को कड़ाई से लागू किया जाए। उन्होंने कहा, ' इस मामले में सिर्फ एफआईआर होने से अफ्रीकी देशों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह जरूरी है कि घटना के बाद पर्याप्त कदम उठाए जाएं। मेरे हिसाब से फिलहाल ऐसा नहीं हुआ। वहीं, सरकार को किसी ऐसे कदम का प्रचार करना चाहिए, जिसमें उसने दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की हो। इस तरह की घटनाओं का देशों के बीच रिश्तों पर असर पड़ता ही है। वहां की सरकारों पर भारत के सामने मामला उठाने का उसी तरह का दबाव होगा, जिस तरह का दबाव हमारी सरकार पर भारतीयों पर विदेशों में नस्लीय हमलों के बाद होता है।' विश्वनाथन के मुताबिक, इस मामले का स्थाई इलाज यही है कि अफ्रीकी नागरिकों के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। मुमकिन हो तो इसे स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

India’s outreach efforts may be hurt by string of attacks
India's Africa outreach could be impaired by repeated instances of violence against African students at a time when India is competing for influence with China in the resource-rich continent. The fear of a diplomatic blowback led External Affairs Minister Sushma Swaraj to quickly intervene in the latest incident of violence against Nigerians in Greater Noida. India has worked hard in the recent past to diversify its energy sources and Africa now accounts for more than 25% of India's crude imports. Nigeria alone accounts for almost half of that amount. अंग्रेजी में पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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