नई दिल्ली
स्वराज इंडिया चीफ योगेंद्र यादव मंगलवार को जब चलन से बाहर हो चुके पुराने नोट बैंक में जमा कराने गए तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरबीआई द्वारा दिए आश्वासन में उनका 'भरोसा' था। यादव ने कहा कि उन्होंने पुराने नोट जमा नहीं कराए थे क्योंकि 30 दिसंबर तक निर्धारित की गयी समय सीमा में वह भीड़ छंटने का इंतजार कर रहे थे।
उनकी पत्नी मधुलिका बनर्जी पुराने नोट जमा कराने के लिए यूको बैंक गयी थीं । यादव ने बैंक को अपने स्पष्टीकरण में कहा, 'मेंने आठ नवंबर के बाद से अपने खाते में नकदी जमा नहीं कराया। इसके लिए अब जमा करने पर मुझे किसी तरह के स्पष्टीकरण देने की जरुरत नहीं लगती। मैं भीड़ के खत्म होने का इंतजार कर रहा था।'
उन्होंने कहा, 'मुझे प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और आरबीआई ने आश्वस्त किया था कि बैंकों की ओर भागने की जरुरत नहीं है और किसी भी तरह के जमा के लिए 30 दिसंबर की तारीख दी गयी थी। मैंने उनपर भरोसा किया।'
स्वराज इंडिया चीफ योगेंद्र यादव मंगलवार को जब चलन से बाहर हो चुके पुराने नोट बैंक में जमा कराने गए तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरबीआई द्वारा दिए आश्वासन में उनका 'भरोसा' था। यादव ने कहा कि उन्होंने पुराने नोट जमा नहीं कराए थे क्योंकि 30 दिसंबर तक निर्धारित की गयी समय सीमा में वह भीड़ छंटने का इंतजार कर रहे थे।
उनकी पत्नी मधुलिका बनर्जी पुराने नोट जमा कराने के लिए यूको बैंक गयी थीं । यादव ने बैंक को अपने स्पष्टीकरण में कहा, 'मेंने आठ नवंबर के बाद से अपने खाते में नकदी जमा नहीं कराया। इसके लिए अब जमा करने पर मुझे किसी तरह के स्पष्टीकरण देने की जरुरत नहीं लगती। मैं भीड़ के खत्म होने का इंतजार कर रहा था।'
उन्होंने कहा, 'मुझे प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और आरबीआई ने आश्वस्त किया था कि बैंकों की ओर भागने की जरुरत नहीं है और किसी भी तरह के जमा के लिए 30 दिसंबर की तारीख दी गयी थी। मैंने उनपर भरोसा किया।'
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Read more: PM के आश्वासन पर भरोसा थाः योगेंद्र