Tuesday, December 27, 2016

'नोटबंदी से साउथ MCD को करोड़ो का नुकसान'

नगर संवाददाता, नई दिल्ली
नोटबंदी से साउथ एमसीडी को काफी नुकसान हुआ है। इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता फरहाद सूरी ने एमसीडी कमिश्नर के बजट भाषण पर कई सवाल उठाए। उन्होंने नोटबंदी से होने वाली घाटे की रकम को 600 करोड़ रुपये तक बताया।

मंगलवार को स्टैंडिंग कमिटी की स्पेशल मीटिंग में नए फाइनैंशल इयर के बजट प्रस्तावों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि एमसीडी को टोल टैक्स, एकमुश्त पार्किंग शुल्क, प्रॉपर्टी टैक्स की रजिस्ट्री से मिलने वाले रेवेन्यू और टैक्स देने वालों की संख्या में गिरावट होने से घाटा हुआ है, जबकि एमसीडी कमिश्नर ने अपने बजट भाषण में नोटबंदी का कहीं भी जिक्र नहीं किया है। एमसीडी कमिश्नर ने संशोधित बजट में नोटबंदी से हुए नुकसान का कहीं भी कोई जिक्र नहीं किया है।

फरहाद सूरी ने बताया कि एमसीडी को नोटबंदी से चार मदों में घाटा हुआ है। नोटबंदी के बाद से 11 नवंबर से 2 दिसंबर तक टोल बैरियरों को मुफ्त कर दिया गया था, जिससे एमसीडी को करीब 15 करोड़ रुपये प्रति महीने का नुकसान होने की संभावना है। साउथ एमसीडी नाकों से प्रवेश करने वाले सभी कर्मशल गाड़ियां से टोल टैक्स की वसूली करता है। इसके लिए एमसीडी ने 221 करोड़ रुपये का ठेका दिया था।

उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के बाद से कारों की सेल में 25 पर्सेंट की गिरावट हुई है। इसका भी एमसीडी को सीधा नुकसान हुआ है। एमसीडी गाड़ियां खरीदने वालों से एकमुश्त पार्किंग शुल्क वसूलता है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इस एकमुश्त पार्किंग शुल्क की वसूली करके एमसीडी को देता है। पिछले साल इससे एमसीडी को करीब 80 करोड़ का रेवेन्यू मिला था, लेकिन नोटबंदी के चलते गाड़ियां की खरीद में आई कमी से एमसीडी को भी नुकसान होने की आशंका है। एकमुश्त पार्किंग से मिलने वाले राजस्व में 25 पर्सेंट तक की गिरावट आ सकती है।

उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी बाजार में मंदी होने के चलते एमसीडी को प्रॉपर्टी ट्रांसफर से मिलने वाले रेवेन्यू में भारी कमी आई है। एमसीडी ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से 600 करोड़ के राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अक्टूबर तक इससे सिर्फ 323 करोड़ ही मिला है। नेता विपक्ष ने एमसीडी की रेवेन्यू में इजाफा करने वाले उपाय नहीं करने को लेकर भी एमसीडी ऐडमिनिस्ट्रेशन की आलोचना की।

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