नई दिल्ली
राजनीतिक मतभेद को लेकर आम आदमी पार्टी से अलग हो चुके प्रशांत भूषण ने दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल पर भले ही कई आरोपों की बौछार की हो, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के चंदे के स्रोत की जांच कराने के लिए आयोग के गठन की मांग पर वह केजरीवाल के साथ दिख रहे हैं।
स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने शनिवार को केजरीवाल की इस मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को पुराने नोट जमा करने में टैक्स के भुगतान से दी गई छूट उन्हें काले धन को सफेद बनाने का जरिया बना देगी। प्रशांत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह नोटबंदी के मुद्दे पर 'लगातार झूठ बोल रही है' और 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के आंकड़ों में लगातार बदलाव कर रही है।
इधर, स्वराज अभियान की राजनीतिक शाखा स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने दावा किया कि सरकार के पास ऐसे देशों की सूची है, जिसमें काली सूची में शामिल कर चोरी वाले देशों के नाम हैं, लेकिन अब उन्होंने 2013 की पिछली तारीख से साइप्रस को इस सूची से हटा दिया है। स्वराज अभियान ने ऐलान किया कि काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कल जंतर-मंतर पर 'हल्ला बोल' रैली होगी।
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