दिल्ली
एमसीडी चुनाव की तैयारी में जुटी स्वराज इंडिया अब नोटबंदी के बाद से दिल्ली की जनता का रुख जानने में लगी है। पार्टी दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में डोर टू डोर सर्वे कर रही है, जिससे न सिर्फ यह पता चल सके कि इस फैसले से जनता खुश है या नहीं बल्कि यह भी मालूम हो सके कि जनता को किस-किस तरह की परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
स्वराज इंडिया के एक प्रवक्ता ने बताया कि हमारी दिल्ली इकाई ने कुछ दिनों पहले ही यह कैंपेन शुरू किया है। हमारे कार्यकर्ता ब्लॉक स्तर पर जा जाकर लोगों से नोटबंदी पर बात कर रहे हैं। लोगों से नोटबंदी के फायदे और इस पर उनकी राय पूछी जा रही है। फिर पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें यह भी बता रहे हैं कि इससे कालेधन पर कोई फर्क पड़ने वाला है या नहीं और इससे वाकई में भ्रष्टाचार खत्म होगा या नहीं। पार्टी की कोशिश है कि जनता को इस मामले में सच्चाई से अवगत कराया जाए और यह भी बताया जाए कि सिर्फ नोटबंदी से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होने वाला, सख्त नियमों को लागू करना होगा और पूरी ईमानदारी से भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार अभी तक लगभग 20 विधानसभा क्षेत्रों में यह कैंपेन पूरा हो चुका है। जनता की राय मिली जुली रही है। रोज कमा कर खाने वाला मजदूर वर्ग नोटबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और उसमें गुस्सा है। वहीं अगर कुछ बेहतर स्थिति के लोगों की बात की जाए तो वह नोटबंदी से खुश हैं और उन्हें यह लग रहा है कि इससे कालेधन पर रोक लगेगी।
एमसीडी चुनाव की तैयारी में जुटी स्वराज इंडिया अब नोटबंदी के बाद से दिल्ली की जनता का रुख जानने में लगी है। पार्टी दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में डोर टू डोर सर्वे कर रही है, जिससे न सिर्फ यह पता चल सके कि इस फैसले से जनता खुश है या नहीं बल्कि यह भी मालूम हो सके कि जनता को किस-किस तरह की परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
स्वराज इंडिया के एक प्रवक्ता ने बताया कि हमारी दिल्ली इकाई ने कुछ दिनों पहले ही यह कैंपेन शुरू किया है। हमारे कार्यकर्ता ब्लॉक स्तर पर जा जाकर लोगों से नोटबंदी पर बात कर रहे हैं। लोगों से नोटबंदी के फायदे और इस पर उनकी राय पूछी जा रही है। फिर पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें यह भी बता रहे हैं कि इससे कालेधन पर कोई फर्क पड़ने वाला है या नहीं और इससे वाकई में भ्रष्टाचार खत्म होगा या नहीं। पार्टी की कोशिश है कि जनता को इस मामले में सच्चाई से अवगत कराया जाए और यह भी बताया जाए कि सिर्फ नोटबंदी से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होने वाला, सख्त नियमों को लागू करना होगा और पूरी ईमानदारी से भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार अभी तक लगभग 20 विधानसभा क्षेत्रों में यह कैंपेन पूरा हो चुका है। जनता की राय मिली जुली रही है। रोज कमा कर खाने वाला मजदूर वर्ग नोटबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और उसमें गुस्सा है। वहीं अगर कुछ बेहतर स्थिति के लोगों की बात की जाए तो वह नोटबंदी से खुश हैं और उन्हें यह लग रहा है कि इससे कालेधन पर रोक लगेगी।
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