नई दिल्ली
एक अध्ययन में दावा किया गया है कि दिल्ली के भीतर सभी तरह के उत्सर्जन को रोक भी दिया जाए तब भी सूक्ष्म कणिका तत्व (PM 2.5) के कारण शहर में उत्पन्न होने वाले प्रदूषण का स्तर सामान्य सीमा से अधिक बना रहेगा क्योंकि ऐसे 40 फीसदी प्रदूषकों की उत्पत्ति NCR से बाहर होती है।
TERI और सैन डियागो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया की ओर से संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में 60 से 80 प्रतिशत ओजोन के संकेंद्रण का कारण दिल्ली से बाहर के स्रोत हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में भीतर के स्रोतों से कुल वायु प्रदूषण का 32 प्रतिशत (10 से 65 प्रतिशत) हिस्सा होता है जबकि NCR स्रोत से योगदान अतिरिक्त 25 प्रतिशत (13 से 37 प्रतिशत) है।
एक अध्ययन में दावा किया गया है कि दिल्ली के भीतर सभी तरह के उत्सर्जन को रोक भी दिया जाए तब भी सूक्ष्म कणिका तत्व (PM 2.5) के कारण शहर में उत्पन्न होने वाले प्रदूषण का स्तर सामान्य सीमा से अधिक बना रहेगा क्योंकि ऐसे 40 फीसदी प्रदूषकों की उत्पत्ति NCR से बाहर होती है।
TERI और सैन डियागो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया की ओर से संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में 60 से 80 प्रतिशत ओजोन के संकेंद्रण का कारण दिल्ली से बाहर के स्रोत हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में भीतर के स्रोतों से कुल वायु प्रदूषण का 32 प्रतिशत (10 से 65 प्रतिशत) हिस्सा होता है जबकि NCR स्रोत से योगदान अतिरिक्त 25 प्रतिशत (13 से 37 प्रतिशत) है।
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