नई दिल्ली
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े करोड़ों रुपये के प्रॉजेक्ट्स में कथित करप्शन के आरोपों की जानकारी मुहैया कराने से इनकार कर दिया है। सीवीसी ने कहा है कि ऐसा करने से अनावश्यक रूप से हमारे रिसोर्स का भटकाव होगा। दिल्ली में 3-10 अक्टूबर, 2010 के बीच हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में करप्शन के कई आरोप लगे थे। इस बड़े खेल आयोजन में रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियां भी कर रही हैं।
इस सिलसिले में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सीवीसी ने कहा है कि संबंधित केंद्रीय जन सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) एस. सी. सिन्हा ने बताया है कि जो सूचना मांगी गई है, वह तैयार रूप में उपलब्ध नहीं है। इसे मुहैया कराने के लिए कई फाइलें खंगालनी होंगी और उनमें मौजूद जानकारियों में कांट-छांट कर इकट्ठा करने की जरूरत पड़ेगी। इससे सीवीसी के पास जो सीमित संसाधन हैं, उनका अपव्यय होगा।
सीवीसी ने कहा कि इसलिए मामले में आरटीआई ऐक्ट-2005 की धारा-7 (9) के तहत सूचना मुहैया नहीं कराई जा सकती। इस धारा में कहा गया है कि आमतौर पर सूचना उसी रूप में मुहैया कराई जानी चाहिए, जिस रूप में वह मांगी जाती है, जब तक कि गैरजरूरी तौर पर पब्लिक अथॉरिटी के रिसोर्सेज डायवर्ट न होते हों या फिर उससे संबंधित रेकॉर्ड की सेफ्टी को नुकसान न पहुंचता हो।
सीवीसी से गेम्स प्रॉजेक्ट्स में कथित करप्शन के मामलों की विस्तृत जानकारी मांगी गई थी, जिनकी जांच आयोग कर रहा है। सीवीसी ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि अन्य सीपीआईओ ने भी बताया है कि मांगी गई सूचना थर्ड पार्टी से जुड़ी है, जिसे कि आरटीआई ऐक्ट-2005 की धारा-8 (1) (जे) के तहत छूट हासिल है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े करोड़ों रुपये के प्रॉजेक्ट्स में कथित करप्शन के आरोपों की जानकारी मुहैया कराने से इनकार कर दिया है। सीवीसी ने कहा है कि ऐसा करने से अनावश्यक रूप से हमारे रिसोर्स का भटकाव होगा। दिल्ली में 3-10 अक्टूबर, 2010 के बीच हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में करप्शन के कई आरोप लगे थे। इस बड़े खेल आयोजन में रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियां भी कर रही हैं।
इस सिलसिले में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सीवीसी ने कहा है कि संबंधित केंद्रीय जन सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) एस. सी. सिन्हा ने बताया है कि जो सूचना मांगी गई है, वह तैयार रूप में उपलब्ध नहीं है। इसे मुहैया कराने के लिए कई फाइलें खंगालनी होंगी और उनमें मौजूद जानकारियों में कांट-छांट कर इकट्ठा करने की जरूरत पड़ेगी। इससे सीवीसी के पास जो सीमित संसाधन हैं, उनका अपव्यय होगा।
सीवीसी ने कहा कि इसलिए मामले में आरटीआई ऐक्ट-2005 की धारा-7 (9) के तहत सूचना मुहैया नहीं कराई जा सकती। इस धारा में कहा गया है कि आमतौर पर सूचना उसी रूप में मुहैया कराई जानी चाहिए, जिस रूप में वह मांगी जाती है, जब तक कि गैरजरूरी तौर पर पब्लिक अथॉरिटी के रिसोर्सेज डायवर्ट न होते हों या फिर उससे संबंधित रेकॉर्ड की सेफ्टी को नुकसान न पहुंचता हो।
सीवीसी से गेम्स प्रॉजेक्ट्स में कथित करप्शन के मामलों की विस्तृत जानकारी मांगी गई थी, जिनकी जांच आयोग कर रहा है। सीवीसी ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि अन्य सीपीआईओ ने भी बताया है कि मांगी गई सूचना थर्ड पार्टी से जुड़ी है, जिसे कि आरटीआई ऐक्ट-2005 की धारा-8 (1) (जे) के तहत छूट हासिल है।
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