Tuesday, October 11, 2016

सैकड़ों मूर्तियां यमुना में, प्रदूषण की होगी जांच

नई दिल्ली
नवरात्रि के बाद मंगलवार को दशमी के दिन राजधानी में यमुना के करीब सात घाटों पर मां दुर्गा की सैकड़ों प्रतिमाओं का धूमधाम से विसर्जन किया गया। इस दौरान अथॉरिटीज की कोशिश रही कि पहले से बेहद प्रदूषित यमुना में ऐसे अवशिष्ट प्रवाहित न किए जाएं, जो नदी में न घुलने पर और ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।

दिल्ली सरकार के वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पल्यूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) मूर्तियों के विसर्जन से नदी के पानी पर पड़ने वाले असर का आकलन करेगा। इसके लिए विसर्जन से पहले और इसके बाद पानी की क्वॉलिटी चेक की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि इस साल गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद भी डीपीसीसी ने इसी तरह की जांच की थी। पानी में घुलनशील ऑक्सीजन के अलावा इसमें प्रदूषक तत्वों का भी पता लगाया जाएगा।

वॉटर ऐक्टिविस्ट मनोज मिश्रा ने बताया कि एनजीटी ने यमुना घाटों में तय जगहों को छोड़कर अन्य जगहों पर मूर्तियां विसर्जित किए जाने पर सख्त पाबंदी लगाई हुई है। प्रदूषण पर नियंत्रण रखने वाली संस्थाओं ने पहले से ही प्लास्टर ऑफ पैरिस (PoP) से बनी मूर्तियों पर रोक लगाई हुई है।

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