नई दिल्ली
भारतीय सेना को लेकर आम आदमी पार्टी के दिल्ली कैंट से विधायक कमांडो सुरेंद्र सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। विधायक सुरेंद्र ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सेना का अपमान करने की बात कही है। उन्होंने 18 अक्टूबर को जारी रक्षा मंत्रालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने सैन्य अधिकारियों का स्टेटस गिरा दिया है। इन अधिकारियों को सिविलियन अफसरों के स्टेटस पर ला दिया है, जिसके कारण सेना में काफी आक्रोश है।
उन्होंने बताया कि डिफेंस अफसर और आर्म्ड फोर्सेज हेड क्वार्टर के सिविल सर्विसेज के अफसरों की तुलना करने की जानकारी उन्हें रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से प्राप्त हुई है। इसमें मेजर जनरल और इसके समकक्ष नेवी में रियर एडमिरल और एयर फोर्स में एयर वाईस मार्शल को आर्म्ड फोर्सेज हेड क्वार्टर सिविल सर्विसेज के प्रिंसिपल के बराबर बताया गया है। इसके अलावा ब्रिगेडियर और समकक्ष (नेवी में कमोडोर और एयर फोर्स में एयर कमांडो) को डायरेक्टर के बराबर, कर्नल और समकक्ष (नेवी में कैप्टन और एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन) को जॉइंट डायरेक्टर के बराबर बताया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि गुरूवार को सोशल मीडिया में ऐसे दस्तावेज पेश किये गए, जिनमें 1992 के आदेश में मेजर जनरल को जॉइंट सेक्रेटरी के बराबर बताया गया है। जबकि 18 अक्टूबर के आदेश में प्रिंसिपल डायरेक्टर के बराबर बताया है। विधायक ने कहा कि यदि सरकार इस तरह सैनिकों के पद कि गरिमा को नीचे गिराती है तो यह अन्याय देश के सैनिकों के साथ किसी भी तरह से नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस तरह के नोटिफिकेशन को जारी करने से पहले रद्द नहीं करती तो मैं पूर्व सैनिक संगठन के बैनर के नीचे अपने जवानों की मांगों को लेकर भूख हड़ताल करेंगे।
भारतीय सेना को लेकर आम आदमी पार्टी के दिल्ली कैंट से विधायक कमांडो सुरेंद्र सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। विधायक सुरेंद्र ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सेना का अपमान करने की बात कही है। उन्होंने 18 अक्टूबर को जारी रक्षा मंत्रालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने सैन्य अधिकारियों का स्टेटस गिरा दिया है। इन अधिकारियों को सिविलियन अफसरों के स्टेटस पर ला दिया है, जिसके कारण सेना में काफी आक्रोश है।
उन्होंने बताया कि डिफेंस अफसर और आर्म्ड फोर्सेज हेड क्वार्टर के सिविल सर्विसेज के अफसरों की तुलना करने की जानकारी उन्हें रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से प्राप्त हुई है। इसमें मेजर जनरल और इसके समकक्ष नेवी में रियर एडमिरल और एयर फोर्स में एयर वाईस मार्शल को आर्म्ड फोर्सेज हेड क्वार्टर सिविल सर्विसेज के प्रिंसिपल के बराबर बताया गया है। इसके अलावा ब्रिगेडियर और समकक्ष (नेवी में कमोडोर और एयर फोर्स में एयर कमांडो) को डायरेक्टर के बराबर, कर्नल और समकक्ष (नेवी में कैप्टन और एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन) को जॉइंट डायरेक्टर के बराबर बताया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि गुरूवार को सोशल मीडिया में ऐसे दस्तावेज पेश किये गए, जिनमें 1992 के आदेश में मेजर जनरल को जॉइंट सेक्रेटरी के बराबर बताया गया है। जबकि 18 अक्टूबर के आदेश में प्रिंसिपल डायरेक्टर के बराबर बताया है। विधायक ने कहा कि यदि सरकार इस तरह सैनिकों के पद कि गरिमा को नीचे गिराती है तो यह अन्याय देश के सैनिकों के साथ किसी भी तरह से नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस तरह के नोटिफिकेशन को जारी करने से पहले रद्द नहीं करती तो मैं पूर्व सैनिक संगठन के बैनर के नीचे अपने जवानों की मांगों को लेकर भूख हड़ताल करेंगे।
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