Monday, August 29, 2016

महिलाओं के साथ अश्लीलता पर मिलनी ही चाहिए सज़ा: अदालत

किसी महिला के प्रति किसी पुरुष द्वारा अश्लील हावभाव या भाव भंगिमा प्रदर्शित करने को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली की एक अदालत ने एक ऐसे ही आरोपी को जेल भेज दिया और कहा कि अराजक अश्लील आचरण से ऐसी हरकतों को बढ़ावा मिलेगा। अदालत ने मुजरिम को एक महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनायी लेकिन किसी मुआवजा का आदेश नहीं दिया क्योंकि 25 वर्षीय पीड़िता ने उसे माफ करने को चुना। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अशोक कुमार ने कहा, ‘वर्तमान मामले में आरोपी ने इस मंशा से शिकायतकर्ता को अपना गुप्तांग दिखाया कि वह इसे देखे, इस तरह उसने एक महिला का शील भंग किया। आरोपी का यह अश्लील आचरण दर्शाता है कि दिनदहाड़े उसे कोई डर नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार से यदि अराजक अश्लील आचरण वाली ऐसी घटनाएं अदंडित रहती हैं तो इससे लोगों को मुजरिम द्वारा की गयी उक्त अश्लील हरकत को नकल करने को बढ़ावा मिलेगा।’

अदालत ने कहा कि मुजरिम योगिंदर किसी नरमी का पात्र नहीं है क्योंकि यह अश्लीलता की गंभीरता को नजरअंदाज करना होगा। अभियोजन के अनुसार 24 फरवरी, 2012 को योगिंदर ने पीड़िता की ओर अश्लील हावभाव दिखाया था। वह दक्षिण दिल्ली में आश्रम के समीप एक बस स्टैंड पर अपने कॉलेज बस का इंतजार कर रही थी। उसी इलाके में बच्चों को स्कूल पहुंचाने और लाने का काम करने वाला योगिंदर पीड़िता के सामने रुका, अश्लील टिप्पणियां की, गुप्तांग दिखाए और लिफ्ट देने के नाम पर अपनी कार का दरवाजा खोला।

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