Monday, August 29, 2016

दिल्ली: कोर्ट ने व्यक्ति को बेटी को 16 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया

शहर की एक अदालत ने एक व्यक्ति को निर्देश दिया है कि वह अपनी अलग हो चुकी पत्नी को घर से नहीं निकाले और उसके खिलाफ घरेलू हिंसा नहीं करे और अंतरिम गुजारा भत्ते के तौर पर उनकी नाबालिग बेटी को 16 हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान करे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ व्यक्ति की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वह अपनी बेटी को गुजारा भत्ते का भुगतान करे। अदालत ने कहा कि यह राशि उचित है। अदालत ने कहा, ‘निचली अदालत ने चुनौती दिए गए आदेश में अपीलकर्ता (व्यक्ति) की आय का सही मूल्यांकन किया है। प्रतिवादी (महिला) को गुजारा भत्ता नहीं दिया गया क्योंकि उसे रोजगार हासिल है। अंतरिम गुजारा भत्ता इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर उचित है।’

अदालत ने कहा, ‘निचली अदालत ने उसे (महिला) घर से बेदखल नहीं करने और मामले के निपटारे तक उसके खिलाफ कोई भी घरेलू हिंसा का कृत्य करने पर रोक लगाने का सही काम किया है।’ अदालत ने कहा कि व्यक्ति ने अपनी अपील में जो कुछ राहत की मांग की है वह महत्वहीन है और वह अदालत द्वारा नहीं दिया जा सकता। अदालत ने कहा, ‘अदालत निचली अदालत द्वारा पारित आदेश की वैधता से सिर्फ संबद्ध है और कुछ नहीं।’ अदालत ने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश में कोई गड़बड़ी नहीं है और अपील में कोई दम नहीं है। व्यक्ति और महिला की शादी सितंबर 1998 में हुई थी और उनसे एक बेटी का जन्म हुआ। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उसके पति ने मानसिक और शारीरिक रूप से उसका उत्पीड़न किया और अपने लिए तथा अपनी बेटी के लिए गुजारा भत्ता मांगा था।

The post दिल्ली: कोर्ट ने व्यक्ति को बेटी को 16 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया appeared first on Jansatta.


Read more: दिल्ली: कोर्ट ने व्यक्ति को बेटी को 16 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया