आरुषि हत्याकांड में नुपुर तलवार को तीन हफ्ते की परोल मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को नुपुर को यह परोल बीमार मां को देखने के लिए दिया है। साल 2013 में सीबीआई कोर्ट ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में नुपुर तलवार और उनके पति राजेश तलवार दोषी करार दिया था। कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गौरलतब है कि 16 मई 2008 को नोएडा के एक फ्लैट में आरुषि तलवार की लाश पाई गई थी, पहले आशंका जताई जा रही थी कि नौकर हेमराज ने आरुषि की हत्या की है। मामला में चौंका देने वाला मोड़ उस समय जब हेमराज का शव दो दिन बाद घर की छत पर बरामद हुआ। हत्याकांड की जांच पहले नोएडा पुलिस कर रही थी, बाद में इसे सीबीआई को सौंपी गया। पांच साल की जांच के बाद आरुषि के माता-पिता को इस मामले में जिम्मेदार करार दिया गया।
आरुषि हत्याकांड में दोषी तलवार दंपत्ति ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील की है। उनका कहना है कि उन्हें फंसाया गया है। जांचकर्ताओं ने दलील दी थी घर में कोई बाहरी शख्स नहीं आया और ना ही उसके सबूत मिले हैं। इस आधार पर सीबीआई ने तलवार दंपति पर आरोप लगाया कि उन्होंने ही आरुषि-हेमराज की हत्या की और फिर घर से सबूत मिटाए। तलवार दंपत्ति के खिलाफ कोई भी फॉरेंसिक या मटोरियल सबूत नहीं मिले थे।
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