Saturday, July 2, 2016

आप सरकार ने ‘सेटिंग’ नहीं की, इसलिए अड़चनें आ रहीं हैं: अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार (2 जुलाई) को कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार शासन करने में अड़चनों का सामना कर रही है क्योंकि उसने दिल्ली में रहीं पिछली सरकारों की तरह किसी तरह की ‘सेटिंग’ नहीं की। केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को ‘भ्रष्ट और शोषक’ होने के मामले में समान चरित्र वाला बताया। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के नेतृत्व में चलाए गए भ्रष्टाचार निरोधक अभियान के दौरान जो काम हाथ में लिया गया था, वह अब भी चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग हैरानी जताते हैं कि दिल्ली में पहले की सरकारों को ऐसी कोई दिक्कत क्यों नहीं आई। अगर हमने मौजूदा व्यवस्था को हिलाने की कोशिश नहीं की होती तो हमारा सफर भी सहज होता। पिछली सरकारों ने सेटिंग की थीं।’

केजरीवाल ने कहा, ‘उदाहरण के लिए हम बिजली कंपनियों के साथ सेंटिंग कर सकते थे। लेकिन हमारा रुख बिल्कुल भ्रष्टाचार नहीं होने देने का है। हमने एक एसएमएस के आधार पर अपने मंत्रियों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करके उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया।’ आप संयोजक यहां एक समारोह में ‘भगत सिंह की जेल नोटबुक’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार स्कूलों के पुस्तकालयों में पुस्तक उपलब्ध कराएगी।

केजरीवाल ने केंद्र में सत्तारूढ़ दलों के बदलाव से कोई फर्क नहीं पड़ने की बात करते हुए कहा कि दोनों पार्टियां बराबर भ्रष्ट और शोषक हैं। उन्होंने कहा, ‘आप जितने अधिक प्रयोग कर रही है, उतनी समस्याओं का सामना कर रही है। अगर हम कुछ नहीं करते और सत्ता सुख भोगते तो हमारा शासनकाल भी दूसरों की तरह सुगम रहता। लेकिन हमें अपना संघर्ष जारी रखना होगा। अन्ना के साथ शुरू हुआ आंदोलन जारी है।’

राजनीतिक दल बनाने और उसके बाद मिली पहली चुनावी हार को याद करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अब उन्हें आंदोलन के दिनों की तुलना में दस गुना अधिक संघर्ष करना होता है। केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘49 दिन की हमारी पहली सरकार के दौरान सभी विभागों में रिश्वतखोरी बंद हो गई थी। हमने अपने मौजूदा कार्यकाल के शुरुआती चार महीने में वैसी ही कार्रवाई की लेकिन उसके बाद एसीबी को केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों के माध्यम से अपने नियंत्रण में ले लिया।’

भगत सिंह के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा क्रांतिकारी ने सोचा भी नहीं होगा कि उनके विचार मौजूदा सत्ता वर्ग को उसी तरह असहज करते रहेंगे जिस तरह अंग्रेजों को परेशान किया। उन्होंने कहा, ‘उनके विचार लगातार प्रेरित करते हैं लेकिन महत्वपूर्ण प्रश्न है कि क्या उनके 10 प्रतिशत भी सपने पूरे हुए। न्याय और समानता के उन सपनों का संविधान की प्रस्तावना में उल्लेख है।’ आम आदमी पार्टी पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाएगी।


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