Sunday, July 3, 2016

धार्मिक ग्रंथ को अपवित्र करने के आरोप में ‘आप’ विधायक नरेश यादव के खिलाफ एफआइआर

मलेरकोटला में 24 जून को कथित तौर पर एक धार्मिक ग्रंथ को अपवित्र करने के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पंजाब पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएगी। इस मामले के एक आरोपी ने दावा किया है कि उसने विधायक के इशारे पर ऐसा किया। आप ने इसे 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बदनाम करने की साजिश बताया है। पार्टी ने मामले की पंजाब पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआइटी गठित करने की मांग की है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि आप के विधायक पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

पंजाब के संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पृथपाल सिंह ठिंड ने रविवार को कहा, ‘आप विधायक के खिलाफ भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें नामजद किया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम मलेरकोटला घटना के संबंध में पूछताछ के लिए आप विधायक नरेश यादव को तलब करेंगे।’ उन्होंने कहा कि इस घटना में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार एक आरोपी से पूछताछ में उनका नाम सामने आया। संगरूर पुलिस ने इस मामले में 27 जून को तीन लोगों विजय कुमार, नंद किशोर गोल्डी और गौरव को गिरफ्ताार किया था। दिल्ली निवासी विजय ने शनिवार को पटियाला में दावा किया था कि उसने यादव के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया।

बीते 24 जून को धार्मिक ग्रंथ को कथित तौर पर अपवित्र करने की घटना के बाद हिंसा भड़क गई थी। लोगों ने अकाली दल की स्थानीय विधायक फरजाना निसारा खातून के घर पर हमला भी किया था। थिंड ने दावा किया, ‘पूछताछ में यह पता चला कि आरोपी ने उनसे (विधायक) मुलाकात की थी। आरोपी और विधायक के बीच फोन पर बातचीत भी हुई थी।’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस घटना के पीछे के मास्टरमाइंड आप विधायक हो सकते हैं, तो पुलिस अधिकारी ने कहा कि यादव से पूछताछ के बाद ही पता चलेगा।अरविंद केजरीवाल ने रविवार से पंजाब में तीन दिन का प्रचार अभियान शुरू किया।

वहीं आप के विधायक नरेश यादव ने कहा, ‘यह गलत आरोप है। जब पूरे देश में हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई हमें समर्थन दे रहे हैं और जब हम चुनाव जीत रहे हैं तो फिर मैं ऐसा क्यों करुंगा?’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले में मेरी कोई संलिप्तता नहीं है। अगर कोई सबूत है तो मुझे फांसी दे दो। यह साजिश है। इस मामले से मेरा कोई लेनादेना नहीं है। पूरा देश जानता है कि यह हरकत सिर्फ एक पार्टी कर सकती है।’ आप ने इस मुद्दे को लेकर अकाली दल-भाजपा गठबंधन पर निशाना साधा। पार्टी नेता आशुतोष ने कहा कि यह भाजपा की बौखलाहट को दिखाता है कि क्योंकि आप पंजाब के चुनाव में उसका सूपड़ा साफ करने का जा रही है।

आप की पंजाब इकाई के संयोजक सुच्चा सिंह छोतेपुर ने कहा, ‘अब अकालियों के पास चुनाव लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। वे जानते हैं कि चुनाव हार रहे हैं। ऐसे में उन्होंने ऐसी चीजें करनी शुरू कर दी हैं जो बहुत निंदनीय हैं। यह चुनाव से पहले आप को बदनाम करने की साजिश है। हम जानते हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी इस तरह की तुच्छ हरकतें करेगी।’
आप के पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह ने पंजाब पुलिस को आड़े हाथ लेते हुए कई ट्वीट किए। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘बादल ने यह मामला गढ़ा है। भाजपा और शिरोमणि अकाली दल ने गंदी राजनीति शुरू कर दी है। हमारे विधायकों को फंसाने की साजिश रची जाने लगी है। वे आप की लोकप्रियता से घबराए हुए हैं। बादल और भाजपा की ओर से खेले जा रहे खेल का जवाब जनता देगी।’ उन्होंने कहा कि वह इस मामले में सोमवार को पंजाब के डीजीपी से मिलेंगे।

वहीं कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने मांग की कि नरेश यादव के इस मामले में शामिल होने के आरोपों की निष्पक्ष जांच कराई जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘चूंकि अब शक की सुई दोनों, अकाली-भाजपा गठबंधन के साथ-साथ आप, की तरफ भी है तो ऐसे में यह अहम हो जाता है कि सच्चाई का पता लगाने के लिए एक भरोसेमंद जांच कराई जाए।’ अमरिंदर ने कहा, ‘मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हमें काफी संयम और सावधानी बरतनी है। कोई भी दोषी बचना नहीं चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह साफ तौर पर उकसाने वाला काम है, जो एक खास समुदाय की भावनाएं आहत करने के लिए जानबूझकर किया गया है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि एक आरोपी ने जिस आप विधायक का नाम लिया है, वह जांच में सहयोग करेंगे।


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