Thursday, July 7, 2016

केरल की राजनीतिक हत्याओं का मसला दिल्ली में उठेगा

पूनम पांडे, नई दिल्ली
केरल में पॉलिटिकल किलिंग का मसला दिल्ली के जरिए देश भर में जोर शोर से उठाने और सीपीएम को घेरने के लिए संघ से जुड़े लोग एक बड़े कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग कई सोशल एक्टिविस्ट के साथ मिलकर प्लान कर रहे हैं और इसे अगस्त के पहले हफ्ते में दिल्ली में करने की तैयारी है।

पीड़ित पहुंचेंगे दिल्ली
इस कार्यक्रम में वह पीड़ित शामिल होंगे जिन पर कथित तौर पर सीपीएम के लोगों ने हमला किया। साथ ही उन परिवारों के लोग भी जिनकी हत्या में सीपीएम से जुड़े लोगों को कोर्ट सजा सुना चुकी है। सी.सदानंदन मास्टर, जिनका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी ने केरल में चुनाव प्रचार के दौरान किया था वह भी दिल्ली आएंगे। सदानंदन पर कथित तौर पर सीपीएम के लोगों ने हमला कर उनके दोनों पैर काट दिए।

वह अब प्रोस्थेटिक लैग के सहारे चलते हैं। विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी के कैंडिडेट भी थे। टी. पी. चंद्रशेखरन की पत्नी रीमा भी इस कार्यक्रम में आएंगी। चंद्रशेखरन पहले सीपीएम में ही थे लेकिन बाद में उन्होंने रिवॉल्यूशनरी मार्क्ससिस्ट पार्टी जॉइन की। चंद्रशेखरन की मई 2012 में हत्या कर दी गई जिसमें कोर्ट ने तीन सीपीएम नेताओं को दोषी भी करार दिया। कार्यक्रम में वह दो बच्चे भी शामिल होंगे जिन पर हाल ही में कथित तौर पर सीपीएम के लोगों ने हमला किया। इनमें एक बच्चा संघ की शाखा में शामिल होने जा रहा था।

पॉलिटिकल किलिंग बड़ा मुद्दा
केरल में पॉलिटिकल किलिंग और हमले बड़ा मसला है। वहां आए दिन विरोधी पार्टी के लोगों पर हमलों के मामले सामने आते हैं। कभी संघ कार्यकर्ता पर हुए हमले में सीपीएम का नाम लिया जाता है तो कभी सीपीएम कार्यकर्ताओं पर हमला होने पर संघ को जिम्मेदार ठहराया जाता है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी यह बड़ा मसला बना था। संघ के सह प्रचार प्रमुख जे. नंदकुमार ने लेफ्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि सहिष्णुता की बात करने वाले वैचारिक और व्यवहारिक रूप से घोर असहिष्णु हैं।

उनकी विचारधारा अपूर्ण है और उनकी प्रैक्टिस खतरनाक। संघ नेता ने कहा कि केरल में जो हुआ है वह सिर्फ संघ के खिलाफ ही नहीं हुआ है बल्कि वहां सीपीएम के लोग हर सामाजिक संगठनों के लोगों पर हमला कर रहे हैं। महिलाएं, दलित, बच्चे सब उनके निशाने पर है। उन्होंने कहा कि जो शांतिपसंद लोग हैं और लोकतंत्र पर यकीन करते हैं उन्हें ऐसे लोगों को एक्सपोज करने के लिए साथ आना चाहिए।

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