नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिले की प्रक्रिया को 'बेतुकी' करार दिया। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए न तो स्थानीय विद्यार्थियों का कोटा तय है और न ही प्रवेश परीक्षा होती है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया सबसे बेतुकी है। न तो उन्होंने स्थानीय विद्यार्थियों के लिए कोटा निर्धारित कर रखा है, न ही अंकों का सामान्यीकरण अपनाया है और न ही प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।' उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी को लिखे विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव की मांग वाले पत्र के बाद केजरीवाल ने यह टिप्पणी की है।
सिसोदिया ने दो जुलाई को स्मृति इरानी को भेजी चिट्ठी में दिल्ली विश्वविद्यालय के उन महाविद्यालयों में जो पूरी तरह दिल्ली सरकार के पैसे से चल रहे हैं, स्थानीय विद्यार्थियों के लिए पांच प्रतिशत कोटा अंक निर्धारित करने की मांग की थी। इसके अलावा सिसोदिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाए जाने की भी मांग की थी।
बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विजय गोयल ने भी दिल्ली विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए परीक्षा करवाए जाने का सुझाव दिया है। गोयल भी इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालयों में स्थानीय विद्यार्थियों के लिए आरक्षण की मांग उठाते रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए गोयल ने कहा, 'मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात कर स्थानीय विद्यार्थियों के लिए कोटा और प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित करवाए जाने की मांग की। मैंने मनीष सिसोदिया और मानव संसाधन विकास मंत्री से भी मुलाकात की और मुझे पूरा विश्वास है कि उनसे हुई बातचीत का नतीजा निकलेगा।'
इस समय दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है और विश्वविद्यालय रविवार को तीसरी कट-ऑफ लिस्ट जारी करेगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिले की प्रक्रिया को 'बेतुकी' करार दिया। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए न तो स्थानीय विद्यार्थियों का कोटा तय है और न ही प्रवेश परीक्षा होती है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया सबसे बेतुकी है। न तो उन्होंने स्थानीय विद्यार्थियों के लिए कोटा निर्धारित कर रखा है, न ही अंकों का सामान्यीकरण अपनाया है और न ही प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।' उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी को लिखे विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव की मांग वाले पत्र के बाद केजरीवाल ने यह टिप्पणी की है।
सिसोदिया ने दो जुलाई को स्मृति इरानी को भेजी चिट्ठी में दिल्ली विश्वविद्यालय के उन महाविद्यालयों में जो पूरी तरह दिल्ली सरकार के पैसे से चल रहे हैं, स्थानीय विद्यार्थियों के लिए पांच प्रतिशत कोटा अंक निर्धारित करने की मांग की थी। इसके अलावा सिसोदिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाए जाने की भी मांग की थी।
बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विजय गोयल ने भी दिल्ली विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए परीक्षा करवाए जाने का सुझाव दिया है। गोयल भी इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालयों में स्थानीय विद्यार्थियों के लिए आरक्षण की मांग उठाते रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए गोयल ने कहा, 'मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात कर स्थानीय विद्यार्थियों के लिए कोटा और प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित करवाए जाने की मांग की। मैंने मनीष सिसोदिया और मानव संसाधन विकास मंत्री से भी मुलाकात की और मुझे पूरा विश्वास है कि उनसे हुई बातचीत का नतीजा निकलेगा।'
इस समय दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है और विश्वविद्यालय रविवार को तीसरी कट-ऑफ लिस्ट जारी करेगा।
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