Friday, July 1, 2016

शराब की दुकानों को ‘चेक’ करेगी सरकार


रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

दिल्ली सरकार ने राजधानी की सभी शराब की दुकानों का निरीक्षण करने का फैसला लिया है। सरकार के पास ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि एक्साइज (टैक्स) चुकाए बिना चोर दरवाजे से शराब की बिक्री की जा रही है, जिससे सरकार को राजस्व का घाटा उठाना पड़ रहा है। सरकार ने उन ढाबे वालों के खिलाफ भी एक्शन लेने का मन बना लिया है, जहां लोगों को बिठाकर शराब पिलाई जा रही है।

सरकार के एक्साइज विभाग के अनुसार उसके पास इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि शराब की कुछ दुकानों से उन ब्रांड की शराब बेची जा रही है, जिनका एक्साइज नहीं चुकाया जा रहा है। इनमें अधिकतर प्राइवेट शराब की दुकानें शामिल है। विभाग को जो सूचना मिली है, उसके अनुसार इन दुकान मालिकों ने शराब कंपनियों से सीधी सांठगांठ कर ली है और वे शराब की बोतलों को सीधे फैक्ट्रियों से मंगाकर उन्हें बेच रहे हैं। यह धंधा रात होते ही शुरू हो जाता है। विभाग के एक अधिकारी के अनुसार पिछले साल करोलबाग और मादीपुर इलाके में इसी आरोप के चलते एक शराब की दुकान पर छापमारी की गई थी और वहां से इसी तरह की अनियमितता मिली थी, जिसके बाद दुकान का लाइसेंस कैंसल कर दिया गया था।

अधिकारी के अनुसार विभाग के पास फिलहाल इस तरह की शिकायतें नहीं आई हैं कि दुकानों से नकली शराब भी बेची जा रही है, लेकिन अब विभाग अपने अभियान में सभी प्रकार की जांच करेगा और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर दुकानों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शिकायतें देहाती इलाकों व अनधिकृत कॉलोनियों में चल रही शराब की दुकानों से आ रही हैं। इसलिए जांच में इन इलाकों को फोकस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिना एक्साइज चुकाए शराब बेचना अपराध तो है ही, इससे सरकार को भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

बताते हैं कि विभाग उन ढाबे वालों के खिलाफ भी एक्शन लेने जा रहा है, जो लोगों को अपने ढाबों पर बिठाकर शराब पिलाते हैं। विभाग के अनुसार इस तरह के मामलों में पुलिस अपनी ओर से एक्शन तो करती ही है, लेकिन विभाग भी ऐसे ढाबा मालिकों से मोटा जुर्माना वसूलेगा। इस बाबत आदेश जारी किए जा रहे हैं। इस आदेश में ढाबा मालिकों को ताकीद की जाएगी कि वे अपने परिसर में यह भी लिखें कि 'यहां शराब पीना मना है।' ऐसा न पाए जाने पर भी जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है। विभाग के अनुसार इसके लिए अधिकतम 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है।

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