Friday, July 1, 2016

प्लॉट फर्जीवाड़े की जांच कर सकती है ACB

Maneesh.Aggarwal@timesgroup.com, नई दिल्ली

रोहिणी जोन में जाली लेटर जारी कर 60-60 वर्गमीटर वाले जोड़े प्लॉट्स को रेगुलराइज करने से जुड़े फर्जीवाड़े की जांच अब ऐंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) कर सकती है। इसके लिए मामले की अब तक जांच कर रही नॉर्थ एमसीडी की विजिलेंस ने एसीबी को लेटर लिखा है। लेटर में कहा गया है कि उनकी अब तक की जांच में जो तस्वीर सामने आई है, उससे लगता है कि मामले की जांच एसीबी को करनी चाहिए। इसकी पुष्टि एमसीडी के एक सीनियर अफसर ने भी की है।

अफसर ने बताया कि यह मामला इतना छोटा नहीं लग रहा है, जितना पहले समझा जा रहा था। पहली शिकायत में ऐसे 19 जोड़े प्लॉट्स के मामले सामने आए थे, जिन्हें अवैध रूप से लेटर जारी करके उन पर फ्लैट बना लिए गए थे। यह मामला 2015 का है। इन फ्लैट्स की कुछ बिल्डरों ने खरीद-फरोख्त भी की थी।

बाद में कोर्ट में की गई एक शिकायत पर निगम की ओर से नोटिस देकर कहा गया कि आपने अवैध निर्माण कराए हैं, इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन्हें तोड़ा भी जा सकता है। इसके बाद लोगों ने निगम अधिकारियों को इनके रेगुलराइज होने वाले लेटर दिखाए। इस पर टॉप अफसर्स ने कहा कि इस तरह के लेटर उनकी ओर से कभी जारी नहीं हुए।

मामले की जांच में पता लगा कि लेटर जोन लेवल पर ही फर्जी तरीके से जारी किए गए थे। मामले में एक एग्जिक्युटिव इंजीनियर और एक ऑफिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया। जांच विजिलेंस को दी गई। लेकिन सूत्रों ने बताया कि इस मामले में अब विजिलेंस ने आगे की जांच करने में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।

उनका मानना है कि चूंकि इस मामले में फाइल और दूसरे दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं और लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है। इसलिए इसकी जांच एसीबी या फिर दिल्ली पुलिस द्वारा की जानी चाहिए। विजिलेंस ने सोच-विचार कर इसकी जांच करने के लिए एसीबी को लेटर लिखा है। सूत्रों का कहना है कि एसीबी की ओर से अब तक इसमें क्या कार्रवाई हुई, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है। लेकिन इतना तो जरूर लग रहा है कि यह फर्जीवाड़ा केवल दो अधिकारियों तक ही सीमित नहीं रहा होगा।

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