नई दिल्ली
बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना को पावर कट दूर करने के लिए एक ठोस रोडमैप बनाना होगा। इसे अगले सप्ताह सोमवार-मंगलवार तक सरकार के पास जमा कराना होगा। बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना के चेयरमैन ललित जालान को यह आदेश दिल्ली के पावर मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने बुधवार को हुई मीटिंग में दिए।
मीटिंग का मुख्य अजेंडा कंपनी से अपनी सर्विस में सुधार लाना था। इसमें लोकल फॉल्ट को दूर करते हुए पावर कट जैसी समस्या को खत्म करना था। पावर कट की समस्या को देखते हुए ही पावर मिनिस्टर जैन ने 14 जून को रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को लेटर लिखा था। उसमें कहा गया था कि वह एक ठोस रोडमैप के साथ उनसे मिलें। उम्मीद जताई गई थी कि दोनों के बीच यह मीटिंग अगले सप्ताह तक हो सकेगी। लेकिन यह मीटिंग करीब दो सप्ताह बाद हो सकी।
सरकार से मीटिंग करने के लिए अनिल अंबानी नहीं आए। उनकी जगह दिल्ली में बीएसईएस की दोनों कंपनियों के चेयरमैन जालान ने मंत्री से बातचीत की। इसके बारे में पता लगा है कि सरकार ने जालान से कहा है कि वह यह व्यवस्था करके हमें बताएं कि पावर कट को कैसे खत्म किया जा सकता है।
बैठक में उनसे यह भी कहा गया कि बीएसईस की दोनों कंपनियों को ट्रांस्को, राजघाट और प्रगति आदि पावर प्लांट्स के करीब आठ हजार करोड़ रुपये देने हैं जो उसने नहीं दिए हैं। इसलिए वह यह भी सुनिश्चित करें कि यह पैसा भी जल्द से जल्द दे दिया जाए। इस बारे में कंपनी की ओर से आधिकारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। कंपनी का कहना है कि मीटिंग के सिलसिले में वह कोई बात नहीं करेंगे।
बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना को पावर कट दूर करने के लिए एक ठोस रोडमैप बनाना होगा। इसे अगले सप्ताह सोमवार-मंगलवार तक सरकार के पास जमा कराना होगा। बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना के चेयरमैन ललित जालान को यह आदेश दिल्ली के पावर मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने बुधवार को हुई मीटिंग में दिए।
मीटिंग का मुख्य अजेंडा कंपनी से अपनी सर्विस में सुधार लाना था। इसमें लोकल फॉल्ट को दूर करते हुए पावर कट जैसी समस्या को खत्म करना था। पावर कट की समस्या को देखते हुए ही पावर मिनिस्टर जैन ने 14 जून को रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को लेटर लिखा था। उसमें कहा गया था कि वह एक ठोस रोडमैप के साथ उनसे मिलें। उम्मीद जताई गई थी कि दोनों के बीच यह मीटिंग अगले सप्ताह तक हो सकेगी। लेकिन यह मीटिंग करीब दो सप्ताह बाद हो सकी।
सरकार से मीटिंग करने के लिए अनिल अंबानी नहीं आए। उनकी जगह दिल्ली में बीएसईएस की दोनों कंपनियों के चेयरमैन जालान ने मंत्री से बातचीत की। इसके बारे में पता लगा है कि सरकार ने जालान से कहा है कि वह यह व्यवस्था करके हमें बताएं कि पावर कट को कैसे खत्म किया जा सकता है।
बैठक में उनसे यह भी कहा गया कि बीएसईस की दोनों कंपनियों को ट्रांस्को, राजघाट और प्रगति आदि पावर प्लांट्स के करीब आठ हजार करोड़ रुपये देने हैं जो उसने नहीं दिए हैं। इसलिए वह यह भी सुनिश्चित करें कि यह पैसा भी जल्द से जल्द दे दिया जाए। इस बारे में कंपनी की ओर से आधिकारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। कंपनी का कहना है कि मीटिंग के सिलसिले में वह कोई बात नहीं करेंगे।
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