अपने राजनीतिक अंदाज में लौटते हुए भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भरोसा जताया। साथ ही उनकी दृढ़ता की सराहना की जबकि उन्होंने पत्रकारों को आड़े हाथ लिया। स्वामी ने मंगलवार को दार्शनिक अंदाज में कुछ टिप्पणियां की थीं। मोदी ने सोमवार को एक टेलीविजन साक्षात्कार में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन एवं वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों पर स्वामी के हमलों को अनुचित कहते हुए परोक्ष रूप से उन्हें झिड़की लगाई थी। स्वामी ने मंगलवार को भगवान कृष्ण को उद्धृत करते हुए कहा था कि एक मानक में मामूली सा परिवर्तन करने से इसके प्रभावस्वरूप अन्य सभी मानकों में बदलाव होता है।
किंतु बुधवार को राज्यसभा सदस्य ने कई विषयों पर टिप्प्णी की। जिसमें यह बात भी शामिल थी कि पूर्व कैग विनोद राय जैसे किसी व्यक्ति का आरबीआइ गवर्नर के रूप में स्वागत किया जा सकता है। स्वामी ने ट्वीट में कहा- मैंने पहले भी कहा था और अब भी कह रहा हूं। भले ही आंधी-पानी कुछ भी आएं, मैं मोदी के साथ खड़ा हूं। मैं उनकी दृढ़ता का प्रशंसक हूं। कोई विदेशी ताकत उन्हें नहीं झुका सकती। मोदी ने कहा था कि प्रचार पाने की लालसा से देश का कोई भला नहीं होगा। इस का परोक्ष जवाब देते हुए स्वामी ने ट्वीट किया-नई समस्या जब प्रचार निरंतर राजनीतिक नेताओं का पीछा करता है।
मकान के बाहर 30 ओबी, चैनलों से 200 मिस्ड काल और पापाराजी। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा-प्रेस्टीट्यूट्स हर रोज जानबूझकर झूठी कहानियां बनाते हैं और यह उम्मीद करते हैं कि मैं उनके उकसावे में आकर जवाब दूं। हां- उन्हें ऐसी उम्मीद है। स्वामी ने यह भी कहा कि आज के आर्थिक एवं वित्तीय समाचारपत्रों ने इन समाचारों की पुष्टि की कि बैंकिंग संकट के बारे में उनकी जो भविष्यवाणी है, वह आसन्न है।
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