Monday, February 1, 2021

Budget 2021-22: बजट में नई शिक्षा नीति के अमल पर जोर

नई दिल्ली
मोदी सरकार के दूसरे टर्म के दूसरे बजट में हायर एजुकेशन और शिक्षा में रिसर्च को अधिक प्राथमिकता दी गई। इस बार शिक्षा के बजट में मूल रूप से नई शिक्षा नीति को अमल में लाने के लिए जरूरी संसाधनों को पूरा करने का प्रावधान करने की मंशा दिखी। इसमें अधिकतर फोकस शिक्षा की क्वालिटी पर बढ़ाने पर रहा है। मालूम हो कि 2019 में मोदी सरकार ने दूसरा टर्म मिलने के तुरंत बाद नई शिक्षा नीति का एलान किया थ। सरकार ने बजट में कहा कि अब अगले कुछ सालों में उसी नीति के अनुरूप शिक्षा का विस्तार होगा।

बजट में खासकर रोजगार परक शिक्षा को प्राथमिकता देने की कोशिश हुई। इसके तहत नेशनल अपरेंटशिप ट्रेनिंग स्कीम की शुरुआत करने का एलान हुआ। पिछले दिनों पीएम मोदी ने शिक्षा और रोजगार को और अधिक जोड़ने के लिए अभियान शुरू करने को कहा था। शिक्षा मंत्रालय का दावा है कि इस बजट से वही मिशन पूरा होगा।


हायर एजुकेशन के लिए अथॉरिटी
बजट में एक अहम घोषण के अनुसार अब नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन होगा जो उच्च शिक्षा से जुड़े तमाम मसलों का हल करेगा। इसके बाद यूजीसी या दूसरी संबंधित संस्थाओं को इसमें ही समाहित किया जाएगा। इसके अंदर नया जनरल एजुकेशन काउंसिल का भी गठन होगा। संस्थानों को मान्यता और उनके लिए मानक तय करने का भी काम भी यही बॉडी तय करेगी। इससे सिर्फ मेडिकल और लीगल एजुकेशन अलग होगा। इससे संबंधित बिल बजट के मौजूदा सत्र में ही पेश किया जाएगा।सरकार का कहना है कि नई जरूरतों के हिसाब से ये शैक्षणिक संस्थानों के नये मानक बनाएंगे।

बजट में वैज्ञानिक रिसर्च और इनोवेशन पर अधिक जोर देने की बात करते हुए कहा गया कि इससे जुड़े कई मास्टर डिग्री और पीएचडी कोर्स जोड़े जाएंगे। इसके तहत नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का गठन होगा। इसके लिए 500 करोड़ दिया गया। साथ ही आने वाले समय में जरूरत को देखते हुए इस नीति में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर पूरा जोर दिया गया है। डिजिटल एजुकेशन और तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग और विस्तार किस तरह हो इसके लिए आगे का रोडमैप बनाने के लिए नेशनल एजुकेशन एलायंस फॉर टेक्नोलॉजी के गठन का भी प्रस्ताव दिया जाएगा


100 नए आर्मी स्कूल बनेंगे
बजट भाषण में यह भी कहा गया कि देश के 15 हजार से अधिक स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पक्षों को शामिल करेंगे जिससे देश में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत किया जा सके और वे अपने क्षेत्र के लिए बेहतर स्कूल के उदाहरण के रुप में उभर सकें। बजट में देश में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना करने की बात कही गई। इसके अलावा लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच के लिए लेह में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गठन का प्रस्ताव रखा। 750 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों की स्थापना का लक्ष्य रखा है ।



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