पूनम गौड़/नई दिल्ली
तीन दिनों से वैक्सीनेशन की स्थिति देखने के बाद अब वैक्सीनेशन के लिए बने CoWin ऐप में कुछ बदलाव किए गए हैं। अब हेल्थकर्मी बिना एसएमएस के भी वैक्सीनेशन ड्राइव में हिस्सा ले सकेंगे। हालांकि हेल्थकर्मियों को इसके लिए ऐप में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। अस्पताल में जाकर जब हेल्थकर्मी सरकारी नोडल ऑफिसर से बात करेंगे, तो उक्त ऑफिस उनके टाइम स्लॉट को उसी समय के लिए अपडेट कर देगा और हेल्थकर्मी उसी समय वैक्सीन लगवा सकेगा।
बदलाव से वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी की उम्मीद
मंगलवार को कई अस्पतालों में इस सुविधा से हेल्थकर्मियों ने टीकाकरण में हिस्सा लिया। इस अपडेट के बाद अब जिला प्रशासन को उम्मीद है कि वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी आएगी। जानकारी के अनुसार, दो दिनों तक ऐप में आ रही कुछ कमियों के चलते वैक्सीनेशन का काम स्लो रहा था। कुछ कर्मी वैक्सीन लेने आ नहीं रहे थे, जबकि जो लोग वैक्सीन लेने के इच्छुक हैं, वह एसएमएस न आने की वजह से वैक्सीन नहीं ले पा रहे थे।
मेसेज को लेकर हो रही थीं कुछ दिक्कतें
कुछ जगहों पर तो सोमवार को उन्हीं लोगों को एसएमएस चले गए, जिनका वैक्सीनेशन शनिवार को हो चुका था या जो शनिवार को वैक्सीनेशन में शामिल नहीं हुए। एक डीएम के अनुसार, सोमवार को 100 लोगों की लिस्ट में एक से दो व्यक्तियों का नाम दो से तीन बार शामिल था। जब ऐसे लोगों के नाम लिस्ट से हटाए गए तो लिस्ट में 60-70 लोगों के नाम रह गए। दूसरी ओर, जिनका टीका होना था, उन्हें मेसेज नहीं जा रहे थे। जब उन्हें फोन पर जानकारी दी गई, तो कुछ लोग शामिल नहीं हो सके। नए सिस्टम के जुड़ने के बाद ऐसी सब कमियां दूर हो सकेंगी।
हेल्थकर्मियों के न आने से वैक्सीन हो रही बर्बाद
एक वैक्सीनेटर अधिकारी ने बताया कि कोविशील्ड का एक वायल (शीशी) 5 एमएल की है। एक शीशी से 10 लोगों को वैक्सीन दी जाती है। खुलने के बाद एक शीशी को 4 घंटे तक ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बाद वह खराब हो जाती है। अगर 4 घंटों में दस लोग नहीं आते तो शीशी में बची वैक्सीन को फेंकना मजबूरी हो जाता है। कई अस्पतालों में शीशियों में एक से तीन शॉट तक फेंकने पड़ रहे हैं।
तीन दिनों से वैक्सीनेशन की स्थिति देखने के बाद अब वैक्सीनेशन के लिए बने CoWin ऐप में कुछ बदलाव किए गए हैं। अब हेल्थकर्मी बिना एसएमएस के भी वैक्सीनेशन ड्राइव में हिस्सा ले सकेंगे। हालांकि हेल्थकर्मियों को इसके लिए ऐप में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। अस्पताल में जाकर जब हेल्थकर्मी सरकारी नोडल ऑफिसर से बात करेंगे, तो उक्त ऑफिस उनके टाइम स्लॉट को उसी समय के लिए अपडेट कर देगा और हेल्थकर्मी उसी समय वैक्सीन लगवा सकेगा।
बदलाव से वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी की उम्मीद
मंगलवार को कई अस्पतालों में इस सुविधा से हेल्थकर्मियों ने टीकाकरण में हिस्सा लिया। इस अपडेट के बाद अब जिला प्रशासन को उम्मीद है कि वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी आएगी। जानकारी के अनुसार, दो दिनों तक ऐप में आ रही कुछ कमियों के चलते वैक्सीनेशन का काम स्लो रहा था। कुछ कर्मी वैक्सीन लेने आ नहीं रहे थे, जबकि जो लोग वैक्सीन लेने के इच्छुक हैं, वह एसएमएस न आने की वजह से वैक्सीन नहीं ले पा रहे थे।
मेसेज को लेकर हो रही थीं कुछ दिक्कतें
कुछ जगहों पर तो सोमवार को उन्हीं लोगों को एसएमएस चले गए, जिनका वैक्सीनेशन शनिवार को हो चुका था या जो शनिवार को वैक्सीनेशन में शामिल नहीं हुए। एक डीएम के अनुसार, सोमवार को 100 लोगों की लिस्ट में एक से दो व्यक्तियों का नाम दो से तीन बार शामिल था। जब ऐसे लोगों के नाम लिस्ट से हटाए गए तो लिस्ट में 60-70 लोगों के नाम रह गए। दूसरी ओर, जिनका टीका होना था, उन्हें मेसेज नहीं जा रहे थे। जब उन्हें फोन पर जानकारी दी गई, तो कुछ लोग शामिल नहीं हो सके। नए सिस्टम के जुड़ने के बाद ऐसी सब कमियां दूर हो सकेंगी।
हेल्थकर्मियों के न आने से वैक्सीन हो रही बर्बाद
एक वैक्सीनेटर अधिकारी ने बताया कि कोविशील्ड का एक वायल (शीशी) 5 एमएल की है। एक शीशी से 10 लोगों को वैक्सीन दी जाती है। खुलने के बाद एक शीशी को 4 घंटे तक ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बाद वह खराब हो जाती है। अगर 4 घंटों में दस लोग नहीं आते तो शीशी में बची वैक्सीन को फेंकना मजबूरी हो जाता है। कई अस्पतालों में शीशियों में एक से तीन शॉट तक फेंकने पड़ रहे हैं।
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