नई दिल्ली
कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Outbreak) के खिलाफ भारत में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) शुरू हो चुका है। सबसे पहले हेल्थवर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर खतरे वाले लोगों को टीका लगना है। अगर आप भी इस श्रेणी में आते हैं और वैक्सीन लगवाने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
यहां हम एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर ऐसे कई सवालों का जवाब लेकर आए जिनका आपके लिए जानना बेहद जरूरी है। इन सवालों के जवाब एम्स में मेडिसिन के असोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने दिए हैं। उनका कहना है कि अगर कोई बीमारी है तो कोरोना वैक्सीन लगवाते वक्त उसकी पूरी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें।
यहां जानिए, आपके मन में उठ रहे सवालों के जवाब...
कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Outbreak) के खिलाफ भारत में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) शुरू हो चुका है। सबसे पहले हेल्थवर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर खतरे वाले लोगों को टीका लगना है। अगर आप भी इस श्रेणी में आते हैं और वैक्सीन लगवाने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
यहां हम एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर ऐसे कई सवालों का जवाब लेकर आए जिनका आपके लिए जानना बेहद जरूरी है। इन सवालों के जवाब एम्स में मेडिसिन के असोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने दिए हैं। उनका कहना है कि अगर कोई बीमारी है तो कोरोना वैक्सीन लगवाते वक्त उसकी पूरी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें।
यहां जानिए, आपके मन में उठ रहे सवालों के जवाब...
- वैक्सीन के साइड इफैक्ट्स क्यों होते हैं?
जब वैक्सीन शरीर में जाती है तो एक प्रकार का रिएक्शन होता है। इस दौरान इम्यून का रेस्पॉन्स (काम करना) शुरू होता है। इसी वजह से कुछ लोगों को बुखार, शरीर में दर्द या इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द होता है। - कोई दवाई ले रहा है तो क्या वैक्सीन लगवा सकते हैं?
कोवैक्सीन के अनुसार अगर कोई इम्यूनोसेप्रेशन की दवा ले रहा है तो उन्हें वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। कई बार मरीज को यह दवा दी जाती है, चाहे ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मरीज हों या ऑटो इम्यून डिसऑर्डर के मरीज हों। तो ऐसे मरीज कोवैक्सीन वाली वैक्सीन नहीं लें। इसी प्रकार अगर कोई खून पतला करने की दवा ले रहा है या किसी को ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या है तो उन्हें भी वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। सबसे ज्यादा जरूरी है कि जब आप वैक्सीनेशन सेंटर पर जाते हैं तो आप वहां पर डॉक्टर को अपनी बीमारी के बारे में पूरा बताएं और डॉक्टर को फैसला लेने दें। डॉक्टर के बताए अनुसार आप अपना फैसला लें। - एलर्जी है तो क्या वैक्सीनेशन लगवाना सही रहेगा?
एलर्जी अलग-अलग तरह की होती हैं। किसी में एलर्जी गंभीर होती है तो किसी में कम। किसी को सी-फूड से एलर्जी हो जाती है तो किसी को दवा से होती है। इसलिए, एलर्जी वाले लोगों को भी वैक्सीन सेंटर पर मौजूद डॉक्टर को सारी बातें बतानी चाहिए, ताकि वो सही फैसला लें सकें। - बुखार होने पर वैक्सीन लें या नहीं?
वैक्सीन बिल्कुल नहीं लें। फीवर कम होने का इंतजार करें और उसके बाद ही वैक्सीन लें। जब वैक्सीनेशन के लिए जाएं तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। - किन लोगों को टीकाकरण का इंतजार करना चाहिए?
अभी 18 साल से कम उम्र के बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाएं, ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं और एलर्जी वालों को इंतजार करना चाहिए। - प्रेग्नेंट महिलाओं को कोरोना वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए?
नहीं। प्रेग्नेंट महिलाओं पर अभी इस वैक्सीन का ट्रायल नहीं हुआ है, इसमें अभी और समय लगेगा। उन्हें इंतजार करना होगा। - कोरोना के एक्टिव मरीज वैक्सीन लें या नहीं?
कोरोना के एक्टिव मरीज को वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी जाती है। क्योंकि अगर वो वैक्सीनेशन साइट पर जाएंगे तो उनकी वजह से दूसरे को संक्रमण होने का खतरा है। जब ठीक हो जाएं तो उसके 4 हफ्ते बाद ही वैक्सीनेशन के लिए जाएं। - कोरोना वैक्सीन लगने के बाद शरीर में क्या-क्या लक्षण दिख सकते हैं?
आम लक्षण में जहां पर वैक्सीन लगती है, वहां पर दर्द होता है। थोड़ा बुखार, सिर दर्द, थकान, शरीर में दर्द हो सकता है। यह अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ में गंभीर लक्षण हो सकते हैं। इसमें इचिंग, चक्कर आना, छाती में जकड़न, सांस में तकलीफ हो सकती है। ऐसे लोगों को तुरंत इलाज की जरूरत हो सकती है। ये लक्षण वैक्सीनेशन के आधे घंटे में आ जाते हैं, इसलिए ऑब्जर्वेशन का नियम बना हुआ है। - क्या भूखे पेट वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए?
भूखे पेट वैक्सीन न लगवाएं। भूखे पेट हाइपोग्लेसीमिया के लक्षण आ सकते हैं, जो कि वैक्सीन के साइड इफैक्ट्स को कन्फ्यूज कर सकते हैं। - दिल या किडनी या लिवर की बीमारी वाले वैक्सीन लगवा सकते हैं?
दिल या किडनी या लिवर की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए वैक्सीन जरूरी है। लेकिन जिस प्रकार कोवैक्सीन ने कहा है कि इम्यूनोसेप्रेशन वाली दवा खाने वाले लोग या जिन लोगों का इम्यून सिस्टम किसी बीमारी की वजह से कमजोर है, वो कोवैक्सीन नहीं लें। जबकि दूसरी ओर कोविशील्ड ने ऐसा नहीं कहा है। इसलिए वैक्सीनेशन सेंटर पर जाने के बाद वहां के डॉक्टर को बताएं, तभी वैक्सीनेशन कराएं। क्योंकि हर सेंटर पर अलग-अलग वैक्सीन है, अगर आपको नहीं पता है कि कौन सी वैक्सीन दी जा रही है तो सेंटर पर जाकर डॉक्टर को पूरी बात बताएं, तभी वैक्सीन लगवाएं। - एचआईवी से संक्रमित मरीजों को वैक्सीन दी जा सकता है या नहीं?
इसमें भी यही बात लागू होती है, कोविशील्ड के अनुसार ले सकते हैं, लेकिन कोवैक्सीन के अनुसार नहीं। इसलिए, आपको भी सेंटर पर जाकर अपनी पूरी बात रखना जरूरी है। - वैक्सीन के बाद क्या शराब पी सकते हैं?
नहीं पीना बेहतर होगा। क्योंकि शराब से इम्यून रेस्पॉन्स कम हो सकता है और इसकी वजह से वैक्सीन का असर आप में कम हो सकता है। इसलिए शराब पीने से बचें। - वैक्सीन लगवाने के बाद क्या करें?
दोनों ही वैक्सीन दो डोज की हैं। पहले दिन के बाद दूसरा डोज 28 दिनों का है। इसके 14 दिन बाद पर्याप्त एंटीबॉडी बनती हैं। इसलिए वैक्सीन के बाद भी कोविड नियमों का पालन जरूरी है। मास्क पहनें, दो गज की दूरी बनाए रखें और हाथ साफ करते रहें।
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