नई दिल्ली
दिल्ली में 26 जनवरी को इस बार दिल्ली पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों को केवल टेरर अटैक से ही दिल्ली को नहीं बचाना है। बल्कि कई अन्य अलर्ट भी ऐसे मिल रहे हैं, जिनसे दिल्ली को महफूज रखना है। इनमें टॉय बम, लोन वूल्फ अटैक, ड्रोन अटैक और फिदायीन हमले के अलावा ब्लैकआउट का भी खतरा है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी टेरर ग्रुप सिख फॉर जस्टिस और अन्य टेरर ग्रुप द्वारा 26 जनवरी को दिल्ली की बिजली काटे जाने का भी इनपुट है। इसमें दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों के सिस्टम से छेड़छाड़ करने के साथ ही बाहर से भी किसी तरह से दिल्ली में आ रही पावर को कट करने की योजना है। भले ही यह कुछ देर के लिए ही सही।
इससे पहले इस ग्रुप ने इंडिया गेट पर खालिस्तानी फ्लैग लहराने वाले को ढाई लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी। इसके अलावा आरडीसी-2021 परेड के दौरान काले झंडे दिखाने की भी योजना टेरर ग्रुप बना रहे हैं। इसमें इनका इरादा किसानों को बदनाम करते हुए उनकी प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में भी काले झंडे दिखाने का है। यह सब इनपुट दिल्ली पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों को मिल रहे हैं।
26 जनवरी के बाद भी अलर्ट पर रहेगी पुलिस
सूत्रों का यह भी कहना है कि दिल्ली पुलिस को केवल 26 जनवरी तक ही अलर्ट पर रहने के लिए नहीं कहा गया है। बल्कि इसके बाद भी उन्हें अलर्ट पर ही रहने के लिए बोला गया है। खतरा है कि कुछ लोग संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, प्राइम मिनिस्टर हाउस और बीजेपी मुख्यालय समेत दिल्ली की कुछ अन्य महत्वपूर्ण इमारतों का घेराव कर सकते हैं। इससे पहले म्यांमार बेस्ड रोंहिग्या ग्रुप, पाकिस्तानी और खालिस्तानी टेरर ग्रुप द्वारा हमला करने का इनपुट आया ही था। इसमें जाकिर नाइक के भी लिंक खुफिया एजेंसियों को मिल रहे हैं। हमले के लिए किसी महिला का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के मद्देनजर कड़ी की सुरक्षा, जानिए क्या है तैयारी
इस बार दिल्ली पुलिस की अधिक चिंता का विषय बॉर्डरों पर किसानों का जमावड़ा भी है। डर है कि कहीं कोई आतंकी संगठन इसका फायदा उठाते हुए भीड़ के बीच अपने नापाक मंसूबों को कामयाब करने की कोशिश ना कर दे। खुफिया एजेंसियों को यह डर राजपथ और इंडिया गेट के लिए मिल रहे इनपुट से भी कहीं अधिक है।
कई राज्यों की सीआईडी ने दिल्ली में डाला डेरा
दिल्ली पुलिस, आईबी और अन्य खुफिया एजेंसियों को मिल रहे इनपुट को देखते हुए दिल्ली में देश के तमाम राज्यों की सीआईडी डेरा डाल रही है, ताकि 26 जनवरी के दिन यह सुनिश्चित किया जा सके कि परेड के बीच कहीं कोई आतंकवादी और अन्य मोस्ट वांटेड तो नहीं घुस गया है। इसलिए इस बार दिल्ली और अन्य राज्यों से अधिक खुफिया एजेंटों को दिल्ली में तैनात किया जा रहा है। साथ ही चेहरे को देखकर उनकी पहचान करने वाले फेस रिक्गनिशन कैमरे भी इस बार अधिक लगाए जा रहे हैं। फोर्स भी कहीं अधिक होगी।
दिल्ली एयरपोर्ट, मेट्रो और अन्य तमाम धार्मिक स्थलों, बस अड्डों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बार अभी तक 26 जनवरी के लिए लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद या इस्लामिक स्टेट जैसे किसी आतंकी संगठन की कोई ऐसी बात पकड़ में नहीं आई है, जिसमें यह पता लग सके कि दिल्ली में हमला करने के लिए आतंकवादी दिल्ली में घुस चुके हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आतंकी चुप बैठेंगे। खतरा अधिक है और बड़ा है।
दिल्ली में 26 जनवरी को इस बार दिल्ली पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों को केवल टेरर अटैक से ही दिल्ली को नहीं बचाना है। बल्कि कई अन्य अलर्ट भी ऐसे मिल रहे हैं, जिनसे दिल्ली को महफूज रखना है। इनमें टॉय बम, लोन वूल्फ अटैक, ड्रोन अटैक और फिदायीन हमले के अलावा ब्लैकआउट का भी खतरा है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी टेरर ग्रुप सिख फॉर जस्टिस और अन्य टेरर ग्रुप द्वारा 26 जनवरी को दिल्ली की बिजली काटे जाने का भी इनपुट है। इसमें दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों के सिस्टम से छेड़छाड़ करने के साथ ही बाहर से भी किसी तरह से दिल्ली में आ रही पावर को कट करने की योजना है। भले ही यह कुछ देर के लिए ही सही।
इससे पहले इस ग्रुप ने इंडिया गेट पर खालिस्तानी फ्लैग लहराने वाले को ढाई लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी। इसके अलावा आरडीसी-2021 परेड के दौरान काले झंडे दिखाने की भी योजना टेरर ग्रुप बना रहे हैं। इसमें इनका इरादा किसानों को बदनाम करते हुए उनकी प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में भी काले झंडे दिखाने का है। यह सब इनपुट दिल्ली पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों को मिल रहे हैं।
26 जनवरी के बाद भी अलर्ट पर रहेगी पुलिस
सूत्रों का यह भी कहना है कि दिल्ली पुलिस को केवल 26 जनवरी तक ही अलर्ट पर रहने के लिए नहीं कहा गया है। बल्कि इसके बाद भी उन्हें अलर्ट पर ही रहने के लिए बोला गया है। खतरा है कि कुछ लोग संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, प्राइम मिनिस्टर हाउस और बीजेपी मुख्यालय समेत दिल्ली की कुछ अन्य महत्वपूर्ण इमारतों का घेराव कर सकते हैं। इससे पहले म्यांमार बेस्ड रोंहिग्या ग्रुप, पाकिस्तानी और खालिस्तानी टेरर ग्रुप द्वारा हमला करने का इनपुट आया ही था। इसमें जाकिर नाइक के भी लिंक खुफिया एजेंसियों को मिल रहे हैं। हमले के लिए किसी महिला का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के मद्देनजर कड़ी की सुरक्षा, जानिए क्या है तैयारी
इस बार दिल्ली पुलिस की अधिक चिंता का विषय बॉर्डरों पर किसानों का जमावड़ा भी है। डर है कि कहीं कोई आतंकी संगठन इसका फायदा उठाते हुए भीड़ के बीच अपने नापाक मंसूबों को कामयाब करने की कोशिश ना कर दे। खुफिया एजेंसियों को यह डर राजपथ और इंडिया गेट के लिए मिल रहे इनपुट से भी कहीं अधिक है।
कई राज्यों की सीआईडी ने दिल्ली में डाला डेरा
दिल्ली पुलिस, आईबी और अन्य खुफिया एजेंसियों को मिल रहे इनपुट को देखते हुए दिल्ली में देश के तमाम राज्यों की सीआईडी डेरा डाल रही है, ताकि 26 जनवरी के दिन यह सुनिश्चित किया जा सके कि परेड के बीच कहीं कोई आतंकवादी और अन्य मोस्ट वांटेड तो नहीं घुस गया है। इसलिए इस बार दिल्ली और अन्य राज्यों से अधिक खुफिया एजेंटों को दिल्ली में तैनात किया जा रहा है। साथ ही चेहरे को देखकर उनकी पहचान करने वाले फेस रिक्गनिशन कैमरे भी इस बार अधिक लगाए जा रहे हैं। फोर्स भी कहीं अधिक होगी।
दिल्ली एयरपोर्ट, मेट्रो और अन्य तमाम धार्मिक स्थलों, बस अड्डों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बार अभी तक 26 जनवरी के लिए लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद या इस्लामिक स्टेट जैसे किसी आतंकी संगठन की कोई ऐसी बात पकड़ में नहीं आई है, जिसमें यह पता लग सके कि दिल्ली में हमला करने के लिए आतंकवादी दिल्ली में घुस चुके हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आतंकी चुप बैठेंगे। खतरा अधिक है और बड़ा है।
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