Sunday, January 17, 2021

खुद रिकवरी वाले 'गुंडों' के चंगुल से निकली, 20 और लोगों को भी बर्बाद होने से बचाया

विशाल शर्मा/नई दिल्ली
लोन ऐप्स के थर्ड डिग्री मेंटली टॉर्चर पर एनबीटी सीरिज में लगातार आ रही खबरों का पूरे देश में असर हो रहा है। देश के कोने-कोने से पीड़ित हमसे संपर्क करके न केवल अपनी आपबीती बता रहे हैं, बल्कि सबूत भी मुहैया करा रहे हैं। आज की सीरिज में अहमदाबाद की उस लड़की की कहानी हम बता रहे हैं, जो लोन ऐप्स के टॉर्चर की वजह से आत्महत्या करने की स्थिति में पहुंच गई थी। किसी तरह उसे अपनों ने डिप्रेशन से बाहर निकाला। अब वह 20 ऐसे लोगों को अत्महत्या करने से बचा चुकी है, जो सिर्फ लोन ऐप्स की वजह से टूट चुके थे।

अहमदाबाद, गुजरात से नेहा (बदला हुआ नाम) ने हमसे संपर्क किया। नेहा की कहानी मार्मिक भी है और अत्यंत प्रेरणादायक है। मूलरूप से लखनऊ निवासी नेहा अहमदाबाद में एक कंपनी में जॉब करती हैं। अक्टूबर 2020 में नेहा की एक दोस्त को इलाज के लिए अचानक कुछ पैसों की जरूरत थी, उसे देने के लिए नेहा ने एक ऐप से 3000 रुपए का लोन लिया। नेहा ने 7वें दिन उस लोन का रिपेमेंट कर दिया। एक दिन बाद फिर उनके पास एक कॉल आई और उनसे पूछा गया कि आपको लोन की जरूरत है क्या। नेहा ने मना कर दिया। फिर लगभग तीन दिन बाद नेहा की उसी दोस्त को 2500 रुपये कर और जरूरत पड़ी। नेहा को सैलरी आने में अभी 12 दिन बाकी थे। उसने उसी ऐप से फिर से एक और लोन लेने का सोचा।


अंदाजा नहीं था कि ये 3-4 दिन पड़ेंगे भारी
रिपेमेंट के समय उनसे 3-4 दिन का एक्सटेंशन मांगने का सोचा। तब तक नेहा को यह अंदाजा ही नहीं था की ये तीन चार दिन कितने भारी पड़ने वाले हैं। नेहा को लोन ऐप्स के टॉर्चर की कोई जानकारी नहीं थी। 7वें दिन नेहा ने ऐप के कस्टमर केयर नंबर पर फोन लगाना चाहा, ताकि वह एक्सटेंशन मांग सकें, लेकिन फोन बंद था। सुबह 7 बजे से एजेंटों के कॉल आने लगे और कोई भी एक्सटेंशन देने को तैयार नहीं था, शाम होते होते नेहा को भद्दी-भद्दी गालियां मिलने लगीं और अगले ही दिन से उनके नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप बना दिया गया। नेहा ने बताया कि जो फीमेल एजेंट्स कॉल करती थीं, उनकी प्रताड़ना कहीं ज्यादा अधिक और गंदी होती थी।


एक ही दिन में 110 कॉल्स
फिर इसी लोन वाले ने एक दूसरे लोन ऐप का लिंक दिया और कहा कि यहां से लोन लेकर चुका दो। वह इस चक्रवयूह में फंसती चली गईं। 14 नवंबर दिवाली के दिन तक नेहा ने लगभग 1.5 लाख रुपए चुकाए। उसी दिन नेहा को लगभग 110 कॉल आए और इन गुंडों ने उनकी दिवाली की खुशियां बर्बाद कर दीं। उसी दिन शाम को नेहा पुलिस स्टेशन गई और अपनी आप बीती सुनाई। पुलिस पहले तो शिकायत दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी, तभी एक एजेंट का कॉल आ गया और नेहा ने फोन का स्पीकर ऑन कर दिया। एजेंट द्वारा दी गई गालियां सुनकर पुलिसवाले भी अपने कान बंद करने लगे।


नेहा ने ठान लिया- अब खुलकर इन गुंडों से लड़ना है
पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया। उस दिन नेहा ने ठान लिया कि अब खुलकर इन गुंडों से लड़ना है और जितना हो सके पीड़ितों की भी मदद करनी है। नेहा ट्विटर, यूट्यूब और अन्य माध्यमों से अनेक पीड़ितों से जुड़ीं। उनको बताया की इस लड़ाई को लड़ने का पहले हथियार है कि अपने नजदीकी थाने में एफआईआर दर्ज कराएं। दूसरा, अपने नजदीकी लोगों को यह बता दें कि उनका फोन हैक हो गया था और लोगों के पास उनके नाम पर फ्रॉड कॉल्स या मेसेज आ सकते हैं, ताकि इन गुंडों का कॉल आने पर उन्हें हैरानी न हो।


अबतक 20 पीड़ितों की मदद कर चुकी हैं नेहा
नेहा ने अब तक 20 ऐसे पीड़ितों की मदद की है, जो खुदकुशी के कगार पर पहुंच चुके थे। एक पीड़ित तो नेहा से तब मिला जब उनकी जेब में जहर की बोतल थी। नेहा उन सबको एफआईआर करने के सही तरीके बताती हैं। अगर कहीं कोई पुलिस एफआईआर दर्ज़ नहीं कर रही तो वहां के बड़े अफसरों से बात करके मामले की गंभीरता समझाती हैं। नेहा को इसी महीने इस बहादुरी के साथ लड़ने और पीड़ितों को मदद करने के लिए एक संस्था ने सम्मानित भी किया था।

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