विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
प्रदूषण अभी पीछा छोड़ने वाला नहीं है। राजधानी का दम सोमवार को भी पूरे दिन घुटता रहा। पिछले कई दिनों से प्रदूषित हवा में अब खास तौर से अस्थमा और सांस के रोगियों को काफी अधिक परेशानियां हो रही हैं। वहीं, प्रदूषण के विभिन्न पूर्वानुमान बता रहे हैं कि 10 दिसंबर तक इससे बड़ी राहत नहीं मिलेगी। 11 दिसंबर से प्रदूषण कम होने की संभावना है। ऐसे में प्रदूषण से बचना काफी जरूरी है।
सुबह के समय तेज हवाओं के बावजूद कोहरे और स्मॉग का कॉकटेल राजधानी में देखने को मिला। सुबह 7 बजे राजधानी का एक्यूआई 394 था। लेकिन, धूप निकलने के साथ ही हवाओं की गति काफी कम हो गई जिसके बाद प्रदूषण में बढ़ोतरी होती रही। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का दिन का औसत एक्यूआई 400 रहा। यह गंभीर स्थिति से एक पॉइंट कम है। राजधानी की आधी से अधिक जगहों पर प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना रहा। राजधानी का सबसे प्रदूषित एरिया विवेक विहार रहा जहां एक्यूआई 454 दर्ज हुआ।
ब्लॉगः इस दम घोंटती हवा में खुलकर सांस लें तो कैसे
सीपीसीबी नेटवर्क के अनुसार लगातार तीसरे दिन गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित हिस्सा रहा। यहां एक्यूआई 438 पर रहा। लेकिन राजधानी के कुछ इलाके इससे भी अधिक प्रदूषित रहे। इनमें विवेक विहार के अलावा नेहरू नगर में 439, अशोक विहार 451, जहांगीरपुरी 452, मुंडका 438 और आनंद विहार में एक्यूआई 441 रहा। इसके अलावा भी कई जगहों पर एयर इंडेक्स गंभीर स्तर पर रहा। एनसीआर के हालात भी काफी खराब रहे। बुलंदशहर 417, फरीदाबाद 388, गाजियाबाद 438, ग्रेटर नोएडा 422, गुरुग्राम 357, कानपुर 406 और नोएडा का 422 रहा।
सफर के पूर्वानुमान के अनुसार, राजधानी का प्रदूषण स्तर बेहद खराब स्तर पर बना हुआ है। नॉर्थ वेस्ट की तरफ से हवाएं प्रदूषण लेकर आ रही हैं। बीते रविवार को पराली जलाने के 239 मामले सामने आए हैं, लेकिन सोमवार को पराली प्रदूषण न के बराबर रहा है। अब प्रदूषण मौसम की वजह से हैं। रेडिएशन फॉग बनना शुरू हो गया है जिसका असर गंगा के मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। गर्मी जमीन से हवा की तरफ जा रही है और जिसकी वजह से ओस की बूंदें फॉग बना रही हैं। आने वाले दिनों में जमीनी सतह पर हवाओं में कुछ सुधार होगा। जिसकी वजह से प्रदूषण में थोड़ी कमी आएगी लेकिन यह 10 दिसंबर तक बेहद खराब स्थिति में ही बना रहेगा।
प्रदूषण अभी पीछा छोड़ने वाला नहीं है। राजधानी का दम सोमवार को भी पूरे दिन घुटता रहा। पिछले कई दिनों से प्रदूषित हवा में अब खास तौर से अस्थमा और सांस के रोगियों को काफी अधिक परेशानियां हो रही हैं। वहीं, प्रदूषण के विभिन्न पूर्वानुमान बता रहे हैं कि 10 दिसंबर तक इससे बड़ी राहत नहीं मिलेगी। 11 दिसंबर से प्रदूषण कम होने की संभावना है। ऐसे में प्रदूषण से बचना काफी जरूरी है।
सुबह के समय तेज हवाओं के बावजूद कोहरे और स्मॉग का कॉकटेल राजधानी में देखने को मिला। सुबह 7 बजे राजधानी का एक्यूआई 394 था। लेकिन, धूप निकलने के साथ ही हवाओं की गति काफी कम हो गई जिसके बाद प्रदूषण में बढ़ोतरी होती रही। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का दिन का औसत एक्यूआई 400 रहा। यह गंभीर स्थिति से एक पॉइंट कम है। राजधानी की आधी से अधिक जगहों पर प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना रहा। राजधानी का सबसे प्रदूषित एरिया विवेक विहार रहा जहां एक्यूआई 454 दर्ज हुआ।
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सीपीसीबी नेटवर्क के अनुसार लगातार तीसरे दिन गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित हिस्सा रहा। यहां एक्यूआई 438 पर रहा। लेकिन राजधानी के कुछ इलाके इससे भी अधिक प्रदूषित रहे। इनमें विवेक विहार के अलावा नेहरू नगर में 439, अशोक विहार 451, जहांगीरपुरी 452, मुंडका 438 और आनंद विहार में एक्यूआई 441 रहा। इसके अलावा भी कई जगहों पर एयर इंडेक्स गंभीर स्तर पर रहा। एनसीआर के हालात भी काफी खराब रहे। बुलंदशहर 417, फरीदाबाद 388, गाजियाबाद 438, ग्रेटर नोएडा 422, गुरुग्राम 357, कानपुर 406 और नोएडा का 422 रहा।
सफर के पूर्वानुमान के अनुसार, राजधानी का प्रदूषण स्तर बेहद खराब स्तर पर बना हुआ है। नॉर्थ वेस्ट की तरफ से हवाएं प्रदूषण लेकर आ रही हैं। बीते रविवार को पराली जलाने के 239 मामले सामने आए हैं, लेकिन सोमवार को पराली प्रदूषण न के बराबर रहा है। अब प्रदूषण मौसम की वजह से हैं। रेडिएशन फॉग बनना शुरू हो गया है जिसका असर गंगा के मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। गर्मी जमीन से हवा की तरफ जा रही है और जिसकी वजह से ओस की बूंदें फॉग बना रही हैं। आने वाले दिनों में जमीनी सतह पर हवाओं में कुछ सुधार होगा। जिसकी वजह से प्रदूषण में थोड़ी कमी आएगी लेकिन यह 10 दिसंबर तक बेहद खराब स्थिति में ही बना रहेगा।
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