नई दिल्ली: कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग अब लगभग अंतिम दौर में है। वैक्सीन की उम्मीदें काफी मजबूत दिख रही हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि वैक्सीन लगाते ही लोग बिना मास्क घूमने को आजाद होंगे। एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीनेशन के दोनों डोज के बाद भी प्रोटेक्शन बनने में चार हफ्ते तक का समय लग सकता है। इसलिए मास्क तुरंत नहीं हटेगा।
यही नहीं, कोविड के खिलाफ अन्य जरूरी बचाव जैसे- बार-बार हाथ धोना और भीड़भाड़ से दूरी बनाए रखने की आदत जारी रखनी होगी। एक्सपर्ट का कहना है कि लगभग एक साल की जंग के बाद हम सभी इलाज के मुकाम तक पहुंचे हैं, इसलिए अभी ऐसी कोई गलती ना करें जिससे आप संक्रमण के शिकार हो जाएं और न चाहते हुए किसी की जान चली जाए। हर जान कीमती है और यह समय है कि हम सभी हरेक जिंदगी का ख्याल रखें और बचाव के हर पहलू का सही तरीके से पालन करें।
कोविशील्ड के बाद अब दूसरी देसी कोरोना वैक्सीन Covaxin भी मैदान में
एम्स के पूर्व डायेक्टर डॉक्टर एम. सी. मिश्रा ने बताया कि सबसे पहले यह जान लीजिए कि वैक्सीनेशन के तुरंत बाद प्रोटेक्शन नहीं मिलता है। ऊपर से इस वैक्सीन की दो डोज है। पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज है और फिर उसके अगले चार हफ्ते लग सकते हैं प्रोटेक्शन बनने में। इसलिए इतना समय तो वैक्सीन लेने वालों को भी नियम का पालन करना होगा। मास्क पहनना होगा, हाथ धोना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना पड़ेगा। डॉक्टर मिश्रा ने कहा कि जिन लोगों में प्रोटेक्शन बन जाएगा, इम्युनिटी हो जाएगी उनसे फिर दूसरों को संक्रमण नहीं होगा, यानी उसके जरिए किसी और तक संक्रमण नहीं जाएगा।
एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद भी बचाव का पूरा ख्याल रखना है। अगर कोई वैक्सीनेशन करवाता है तो जब तक दूसरा डोज नहीं लग जाता तब तक संक्रमण का खतरा है और यह खतरा जब तक है जब प्रोटेक्शन नहीं बन जाता। वैक्सीनेशन के दोनों डोज के बाद 3 से 4 हफ्ते एंटीबॉडी बनने में लग जाते हैं। इसलिए इस समय तक वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क पहनना ही होगा, हाथ सैनिटाइज करना होगा और सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी।
डॉक्टर सुरेश ने यह भी बताया कि हर वैक्सीन के प्रोटेक्शन की एक लिमिट है, किसी की 90 पर्सेंट तो किसी की 95 है तो किसी की 70 पर्सेंट। यानी 5 से 30 पर्सेंट लोगों में एंटीबॉडी नहीं भी बन सकता है, इसलिए जो लोग वैक्सीनेशन करा रहे हैं जरूरी नहीं है कि उनमें एंटीबॉडी बन ही जाए, इसलिए वैक्सीनेशन होते ही मास्क हटाने की गलती ना करें।
यही नहीं, कोविड के खिलाफ अन्य जरूरी बचाव जैसे- बार-बार हाथ धोना और भीड़भाड़ से दूरी बनाए रखने की आदत जारी रखनी होगी। एक्सपर्ट का कहना है कि लगभग एक साल की जंग के बाद हम सभी इलाज के मुकाम तक पहुंचे हैं, इसलिए अभी ऐसी कोई गलती ना करें जिससे आप संक्रमण के शिकार हो जाएं और न चाहते हुए किसी की जान चली जाए। हर जान कीमती है और यह समय है कि हम सभी हरेक जिंदगी का ख्याल रखें और बचाव के हर पहलू का सही तरीके से पालन करें।
कोविशील्ड के बाद अब दूसरी देसी कोरोना वैक्सीन Covaxin भी मैदान में
एम्स के पूर्व डायेक्टर डॉक्टर एम. सी. मिश्रा ने बताया कि सबसे पहले यह जान लीजिए कि वैक्सीनेशन के तुरंत बाद प्रोटेक्शन नहीं मिलता है। ऊपर से इस वैक्सीन की दो डोज है। पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज है और फिर उसके अगले चार हफ्ते लग सकते हैं प्रोटेक्शन बनने में। इसलिए इतना समय तो वैक्सीन लेने वालों को भी नियम का पालन करना होगा। मास्क पहनना होगा, हाथ धोना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना पड़ेगा। डॉक्टर मिश्रा ने कहा कि जिन लोगों में प्रोटेक्शन बन जाएगा, इम्युनिटी हो जाएगी उनसे फिर दूसरों को संक्रमण नहीं होगा, यानी उसके जरिए किसी और तक संक्रमण नहीं जाएगा।
एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद भी बचाव का पूरा ख्याल रखना है। अगर कोई वैक्सीनेशन करवाता है तो जब तक दूसरा डोज नहीं लग जाता तब तक संक्रमण का खतरा है और यह खतरा जब तक है जब प्रोटेक्शन नहीं बन जाता। वैक्सीनेशन के दोनों डोज के बाद 3 से 4 हफ्ते एंटीबॉडी बनने में लग जाते हैं। इसलिए इस समय तक वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क पहनना ही होगा, हाथ सैनिटाइज करना होगा और सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी।
डॉक्टर सुरेश ने यह भी बताया कि हर वैक्सीन के प्रोटेक्शन की एक लिमिट है, किसी की 90 पर्सेंट तो किसी की 95 है तो किसी की 70 पर्सेंट। यानी 5 से 30 पर्सेंट लोगों में एंटीबॉडी नहीं भी बन सकता है, इसलिए जो लोग वैक्सीनेशन करा रहे हैं जरूरी नहीं है कि उनमें एंटीबॉडी बन ही जाए, इसलिए वैक्सीनेशन होते ही मास्क हटाने की गलती ना करें।
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