Sunday, December 27, 2020

Cold in Delhi: फिर आने वाली है शीतलहर, इन बातों का रखें ध्यान

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
कोविड महामारी से जूझ रहे दिल्लीवालों को साल के अंतिम दिनों में शीतलहर का भी सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले एक दो दिनों में दिल्ली के ऊपर सर्दी का सितम छाने का खतरा मंडरा रहा है। पूरे साल कोविड के डर में बिताने वाले दिल्लीवालों को पिछले कुछ दिनों से कोविड के खतरे से थोड़ी राहत ही मिली थी और लोग नए साल के आगमन में न्यू ईयर की तैयारी में जुटे ही थे कि सर्द हवाओं के झोंके और ठिठुरन ने लोगों को जीवन को मुश्किल करने की तैयारी कर ली।

डॉक्टरों का कहना है कि न केवल यह सर्दी हार्ट व अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ा सकती है बल्कि फेस्टिवल मूड में सोशल डिस्टेसिंग का सही से पालन नहीं करने पर कोविड संक्रमण का भी खतरा पैदा कर सकती है। यही नहीं, डॉक्टरों का कहना है कि जब जब शीतलहर आती है, लोग बचाव में अंगीठी, ब्लोअर, हीटर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, कई बार अंगीठी जानलेवा भी साबित हुई है। इसलिए शीतलहर के दौरान बचाव के तरीकों का भी ध्यान से अमल करें, ताकि जिंदगी सुरक्षित रहे।


कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर आरएन कालरा का कहना है कि हमारी बॉडी में ठंड से बचने के लिए एक सिस्टम होता है जिसे थर्मोस्टैट कहते हैं। जब हमारा शरीर ज्यादा ठंड का सामना करता है तो शरीर कांपने लगता है। अगर इंसान ज्यादा देर तक इस कंडिशन में रहे तो उसे हाइपोथर्मिया होने के चांस बढ़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि सर्दी की वजह से बॉडी का टेंप्रेचर 35 डिग्री सेल्सियस मेंटेन नहीं रह पाता जिस वजह से हाइपोथर्मिया वाली स्थिति भी पैदा हो सकती है।


उन्होंने कहा कि जब बॉडी का टेंपरेचर नॉर्मल से कम हो जाता है और सही टेंपरेचर बनाए रखने के लिए दिमाग का सिस्टम बिगड़ जाता है और वह टेंपरेचर को कंट्रोल नहीं कर पाता, तो इस स्थिति को हाइपोथर्मिया कहा जाता है। इसमें बॉडी का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है और यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग अगर ज्यादा देर तक ठंड में रहें तो उनका मेटाबॉलिक सिस्टम प्रभावित होता है, जिससे नॉर्मल बॉडी टेंपरेचर मेंटेन करना मुश्किल जो जाता है। ऐसे लोगों को गर्म जगह पर रहना चाहिए और बॉडी को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़े पहनने चाहिए।


क्या है हाइपोथर्मिया के लक्षण
  • सर्दी जुकाम होने पर नाक से पानी आना
  • लगातार छीकें आना, आंखों से पानी आना
  • बदन दर्द, सिर या आंखों में भारीपन
  • गले में खराश के साथ हल्का दर्द, जल्दी-जल्दी सांस लेना
  • सीने में जकड़न या कसाव महसूस होना
  • सांस के साथ आवाज आना

सर्दी में सुबह-सुबह और बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
मैक्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर विवेका कुमार का कहना है कि सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है, खासकर सुबह सुबह यह खतरा सबसे ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि दिल तक खून पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनियों में जमे फैट के थक्के के कारण रुकावट आ जाती है। थक्के के कारण खून का फ्लो रुक जाता है। खून न मिलने से दिल की मांसपेशियों में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है, जिससे धीरे-धीरे मांसपेशियों की रफ्तार कम हो जाती है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को होती है, जो डायबीटीज, हाई ब्लड फ्रेशर और मोटापे के शिकार हैं।

कैसे करें कंट्रोल
  • हार्ट के मरीज मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें
  • खुद को ठंड से बचाने के लिए शरीर को पूरी तरह गर्म कपड़ों से ढक कर रहें
  • स्मोकिंग न करें और स्मोकिंग करने वालों से भी दूरी बनाए रखें
  • छाती में अकड़न और घबराहट महसूस होने पर उसी समय एस्प्रिन की एक गोली चबा लें
  • अस्थमा के मरीज धूल-मिट्टी से खुद को दूर रखें।
  • पालतू जानवरों के करीब न जाएं
  • अपना ब्लड प्रेशर और डायबिटीज कंट्रोल में रखें
  • अंगीठी का उपयोग हो सकता है जानलेवा

अगर आप सर्दियों में अंगीठी या कोयला जलाते हैं, तो सावधान रहें, क्योंकि यह हर किसी के लिए खतरनाक है। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे जान जा सकती है। डॉक्टरों के अनुसार कोयला बंद कमरे में जल रहा हो तो इससे कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ जाता है और ऑक्सिजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन सीधे ब्रेन पर असर डालता है और सांस के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है। ब्रेन पर असर होने के कारण कमरे में सोया इंसान बेहोश हो जाता है। रूम में सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और अंत में इंसान की मौत हो जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान:
  • कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए
  • अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं
  • ज्यादा लोगों के होने से कमरे में ऑक्सिजन की और कमी हो जाती है
  • बंद कमरे में रोज अंगीठी या हीटर जलाने से सीने में दर्द के लक्षण हो सकते हैं
  • यह लक्षण खतरनाक होता है और तुरंत बचाव की जरूरत होती है
  • अगर हीटर या ब्लोअर चला रहे हैं तो लगातार नहीं चलाएं या थोड़ी-थोड़ी देर के लिए कमरा खोल दें
  • सीने में दर्द, मिचली, सिर दर्द, डिप्रेशन या सांस लेने में दिक्कत के लक्षण दिखें तो लापरवाही न करें

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