नई दिल्ली: ब्रिटेन से दिल्ली लौटे 33 लोगों में अब कोविड की पुष्टि हुई है, लेकिन अभी इनमें कोविड का नया स्ट्रेन है या नहीं, इसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। हालांकि राहत की बात यह है कि ब्रिटेन से आए जिन लोगों में कोविड की पुष्टि हुई है, उनमें साधारण लक्षण हैं। किसी को भी ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ी है। इन सभी कोविड पॉजिटिव मरीजों का इलाज एलएनजेपी हॉस्पिटल में किया जा रहा है, जहां पर इनके लिए स्पेशल आइसोलेशन वॉर्ड बनाया गया है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार कुल 33 पॉजिटिव में से 11 एयरपोर्ट पर जांच के बाद लाए गए थे, बाकी सभी 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से दिल्ली लौटे लोग हैं। इनमें से कई ऐसे मरीज भी हैं, जिनमें कोविड वायरस की पुष्टि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में पाए गए हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दिल्ली में 21 दिसंबर से ब्रिटेन से आए लोगों का आइसोलेशन, ट्रेसिंग और उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम चल रहा है। ब्रिटेन से दिल्ली लौटे 11 लोगों में कोविड की पुष्टि एयरपोर्ट पर हुई थी, जिन्हें इलाज के लिए एलएनजेपी में एडमिट किया गया है। इसके अलावा सभी 22 मरीज वे हैं जो पहले ही दिल्ली लौट चुके थे। जिनकी पहचान डोर टु डोर सर्वे में पता चली। यही नहीं, इसमें कई कोविड पॉजिटिव मरीज कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग वाले भी हैं। ऐसे मरीजों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
वहीं दूसरी ओर कोविड एक्सपर्ट्स का कहना है जिस प्रकार भारत में कोविड के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है, वह कहीं न कहीं चिंता की बात जरूर है। इनका यह भी कहना है कि ब्रिटेन में यह वायरस 1-2 महीने पहले से ही फैल रहा था और उस दौरान लोग ब्रिटेन से भारत आ रहे थे, तो ऐसे में यह भी संभावना है कि यह वायरस पहले भी भारत आ चुका हो सकता है। यही नहीं, ब्रिटेन में अभी 60 से 70 पर्सेंट लोग कोविड के नए स्ट्रेन से ही पीड़ित पाए जा रहे हैं, ऐसे में यह भी आशंका है कि उनसे संपर्क में आए लोगों में भी नया स्ट्रेन हो और भारत आए 20 से 25 पर्सेंट लोगों में नया स्ट्रेन हो सकता है।
जहां तक दिल्ली की बात है तो देश में नए स्ट्रेन की पुष्टि के बाद अब दिल्ली में भी इस वायरस के खतरे मंडराने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि नए स्ट्रेन की पहचान के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ चुका है। लगातार डोर टु डोर सर्वे किया जा रहा है, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। उनके सैंपल लिए जा रहे हैं और फिर रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें एलएनजेपी में शिफ्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अगले 1-2 दिनों में दिल्ली वाले मरीजों की भी जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आ सकती है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दिल्ली में 21 दिसंबर से ब्रिटेन से आए लोगों का आइसोलेशन, ट्रेसिंग और उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम चल रहा है। ब्रिटेन से दिल्ली लौटे 11 लोगों में कोविड की पुष्टि एयरपोर्ट पर हुई थी, जिन्हें इलाज के लिए एलएनजेपी में एडमिट किया गया है। इसके अलावा सभी 22 मरीज वे हैं जो पहले ही दिल्ली लौट चुके थे। जिनकी पहचान डोर टु डोर सर्वे में पता चली। यही नहीं, इसमें कई कोविड पॉजिटिव मरीज कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग वाले भी हैं। ऐसे मरीजों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
वहीं दूसरी ओर कोविड एक्सपर्ट्स का कहना है जिस प्रकार भारत में कोविड के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है, वह कहीं न कहीं चिंता की बात जरूर है। इनका यह भी कहना है कि ब्रिटेन में यह वायरस 1-2 महीने पहले से ही फैल रहा था और उस दौरान लोग ब्रिटेन से भारत आ रहे थे, तो ऐसे में यह भी संभावना है कि यह वायरस पहले भी भारत आ चुका हो सकता है। यही नहीं, ब्रिटेन में अभी 60 से 70 पर्सेंट लोग कोविड के नए स्ट्रेन से ही पीड़ित पाए जा रहे हैं, ऐसे में यह भी आशंका है कि उनसे संपर्क में आए लोगों में भी नया स्ट्रेन हो और भारत आए 20 से 25 पर्सेंट लोगों में नया स्ट्रेन हो सकता है।
जहां तक दिल्ली की बात है तो देश में नए स्ट्रेन की पुष्टि के बाद अब दिल्ली में भी इस वायरस के खतरे मंडराने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि नए स्ट्रेन की पहचान के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ चुका है। लगातार डोर टु डोर सर्वे किया जा रहा है, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। उनके सैंपल लिए जा रहे हैं और फिर रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें एलएनजेपी में शिफ्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अगले 1-2 दिनों में दिल्ली वाले मरीजों की भी जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आ सकती है।
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