विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
पहाड़ों से लगातार आ रहीं ठंडी हवाओं ने राजधानी को ठिठुरा जरूर दिया है, लेकिन इन हवाओं की वजह से प्रदूषित हवाएं दिल्ली में नहीं पहुंच पा रही हैं। इस वजह से लोगों को साफ हवा मिल रहा है। हालांकि यह राहत 20 दिसंबर तक है। उसके बाद प्रदूषण बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
ठंडी बर्फीली हवाओं के आने के साथ उनकी स्पीड भी गुरुवार को काफी अधिक रही। इसकी वजह से प्रदूषण स्तर में बीते बुधवार की तुलना में गिरावट आई। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का एक्यूआई (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) 256 रहा। एनसीआर की भी यही स्थिति रही। बहादुरगढ़ का प्रदूषण स्तर 203, बल्लभगढ़ का 114, भिवाड़ी 297, फरीदाबाद 213, गाजियाबाद 277, ग्रेटर नोएडा 283, गुरुग्राम 241, मानेसर 175 और नोएडा का 267 रहा। नवंबर में भी इसी तरह का ट्रेंड दिल्ली वालों को देखने को मिला था।
नवंबर के पहले 15 दिन जहां प्रदूषण पीक पर रहा, वहीं नवंबर के अंतिम पंद्रह दिनों में हवा बेहतर रही। अब दिसंबर भी इसी राह पर चल पड़ा है। दिसंबर के पहले 14 दिन प्रदूषण स्तर पिछले साल की तुलना में अधिक रहा। इसके बाद प्रदूषण में तेजी से कमी आई है। एक्सपर्ट के अनुसार, शीतलहर के कम होने की संभावना अभी नहीं है, इसलिए पहाड़ों से आ रही यह हवाएं फिलहाल तो प्रदूषण बढ़ने नहीं देंगी।
सफर के मुताबिक- प्रदूषण गुरुवार को खराब स्थिति में रहा। जमीनी सतह पर तेज हवाएं चलती रहीं। शीत लहर की स्थिति दिन के समय भी बनी रही। अगले 48 घंटों तक स्थिति ऐसी ही रहेगी। इसके बाद हवाएं कमजोर पड़ जाएंगी। ऐसे में अगले दो दिनों तक प्रदूषण सामान्य से खराब स्थिति में बना रहेगा। 18 दिसंबर को प्रदूषण का स्तर सामान्य रह सकता है, जबकि 19 दिसंबर को यह खराब बना रहेगा। इसके बाद 20 दिसंबर से एक बार फिर प्रदूषण स्तर बढ़ेगा और यह बेहद खराब स्थिति में पहुंच जाएगा।
पहाड़ों से लगातार आ रहीं ठंडी हवाओं ने राजधानी को ठिठुरा जरूर दिया है, लेकिन इन हवाओं की वजह से प्रदूषित हवाएं दिल्ली में नहीं पहुंच पा रही हैं। इस वजह से लोगों को साफ हवा मिल रहा है। हालांकि यह राहत 20 दिसंबर तक है। उसके बाद प्रदूषण बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
ठंडी बर्फीली हवाओं के आने के साथ उनकी स्पीड भी गुरुवार को काफी अधिक रही। इसकी वजह से प्रदूषण स्तर में बीते बुधवार की तुलना में गिरावट आई। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का एक्यूआई (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) 256 रहा। एनसीआर की भी यही स्थिति रही। बहादुरगढ़ का प्रदूषण स्तर 203, बल्लभगढ़ का 114, भिवाड़ी 297, फरीदाबाद 213, गाजियाबाद 277, ग्रेटर नोएडा 283, गुरुग्राम 241, मानेसर 175 और नोएडा का 267 रहा। नवंबर में भी इसी तरह का ट्रेंड दिल्ली वालों को देखने को मिला था।
नवंबर के पहले 15 दिन जहां प्रदूषण पीक पर रहा, वहीं नवंबर के अंतिम पंद्रह दिनों में हवा बेहतर रही। अब दिसंबर भी इसी राह पर चल पड़ा है। दिसंबर के पहले 14 दिन प्रदूषण स्तर पिछले साल की तुलना में अधिक रहा। इसके बाद प्रदूषण में तेजी से कमी आई है। एक्सपर्ट के अनुसार, शीतलहर के कम होने की संभावना अभी नहीं है, इसलिए पहाड़ों से आ रही यह हवाएं फिलहाल तो प्रदूषण बढ़ने नहीं देंगी।
सफर के मुताबिक- प्रदूषण गुरुवार को खराब स्थिति में रहा। जमीनी सतह पर तेज हवाएं चलती रहीं। शीत लहर की स्थिति दिन के समय भी बनी रही। अगले 48 घंटों तक स्थिति ऐसी ही रहेगी। इसके बाद हवाएं कमजोर पड़ जाएंगी। ऐसे में अगले दो दिनों तक प्रदूषण सामान्य से खराब स्थिति में बना रहेगा। 18 दिसंबर को प्रदूषण का स्तर सामान्य रह सकता है, जबकि 19 दिसंबर को यह खराब बना रहेगा। इसके बाद 20 दिसंबर से एक बार फिर प्रदूषण स्तर बढ़ेगा और यह बेहद खराब स्थिति में पहुंच जाएगा।
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Read more: पहाड़ों से लगातार आ रही हवाएं दिल्ली को 20 दिसंबर तक बचाएंगी प्रदूषण से