नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की नेता अल्का लाम्बा ने दिल्ली सरकार पर कोविड के मामलों में वास्तविक आंकड़ों को दिखाने में छल करने का आरोप लगाया है। रविवार को लाम्बा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रति मिलियन पर 10,000 टेस्ट रोजाना की जरूरत है, जबकि अभी रोजाना 2700 टेस्ट ही किए जा रहे है और पिछले 2 महीने से की जाने वाली टेस्टिंग की संख्या एक समान ही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान कोविड आपातकाल में 83 प्रतिशत टेस्टिंग कम की जा रही है।
अल्का ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ अनिल कुमार ने 11 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर एक लाख टेस्ट रोजाना करने की मांग की थी और सर्वदलीय बैठक में नई परिस्थितियों के आपातकाल को देखते 2 लाख टेस्ट रोजाना की मांग की थी। जिसको 15 नवबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी स्वीकार किया कि प्रतिदिन टेस्टों की संख्या बढ़नी चाहिए। कोविड संक्रमण पर नियंत्रण पाने में दिल्ली सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस पार्टी ने फ्री टेस्टिंग की मांग की थी, अगर दिल्ली सरकार उसे लागू करे तो लक्षण और गैर लक्षण वाले सभी मरीज कोविड टेस्ट करा सकते है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा घर-घर जाकर सर्वे करने का काम बुधवार तक पूरा किया जाना था, जिसे व्यवस्थाओं और सरकार की नाकामियों के कारण अब आगे बढ़ाया गया है। बुधवार तक प्राप्त आंकड़े के अनुसार, 14 प्रतिशत मरीज जो कोविड लक्षण वाले पाए गए जिन्होंने टेस्ट ही नहीं कराया। 57 लाख लोग के सर्वे में 13516 मरीज लक्षण वाले मिले, जिनमें से केवल 11790 ने ही कोरोना टेस्ट करवाया। अल्का ने कहा कि सर्वे कर रहे शिक्षकों के कोविड संक्रमित होने की शिकायतें सामने आ रही है और 50 निगम शिक्षकों टेस्ट हुए जिनमें 17 शिक्षक पाजिटिव पाए गए। उन्होंने सर्वे की प्रक्रिया में खानापूर्ति का आरोप भी लगाया।
'केजरीवाल-बीजेपी की साजिश बेनकाब'
अल्का ने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों किसानों को गुमराह कर रहे है। जहां मोदी सरकार किसान विरोधी बिल पास करके किसानों पर सीधा प्रहार कर रही है, इन बिलों के द्वारा किसानों को उनकी फसल का एमएसपी भी नहीं मिलेगा और कृषि क्षेत्र को निजी हाथों में सौंप दिया गया है, वहीं केजरीवाल सरकार पिछले 7 सालों से किसानों को ठग रही है, किसानों को उनकी फसल के नुकसान पर कोई बीमा नहीं मिलता है। उन्होंने दिल्ली सरकार की नाकामियों का उदाहरण नरेला मंडी में धान 1650 प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये है। मतलब दिल्ली के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 2019-2020 के बजट में किसान मित्र योजना की घोषणा की और 19 महीने बीत जाने तक किसानों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की नेता अल्का लाम्बा ने दिल्ली सरकार पर कोविड के मामलों में वास्तविक आंकड़ों को दिखाने में छल करने का आरोप लगाया है। रविवार को लाम्बा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रति मिलियन पर 10,000 टेस्ट रोजाना की जरूरत है, जबकि अभी रोजाना 2700 टेस्ट ही किए जा रहे है और पिछले 2 महीने से की जाने वाली टेस्टिंग की संख्या एक समान ही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान कोविड आपातकाल में 83 प्रतिशत टेस्टिंग कम की जा रही है।
अल्का ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ अनिल कुमार ने 11 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर एक लाख टेस्ट रोजाना करने की मांग की थी और सर्वदलीय बैठक में नई परिस्थितियों के आपातकाल को देखते 2 लाख टेस्ट रोजाना की मांग की थी। जिसको 15 नवबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी स्वीकार किया कि प्रतिदिन टेस्टों की संख्या बढ़नी चाहिए। कोविड संक्रमण पर नियंत्रण पाने में दिल्ली सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस पार्टी ने फ्री टेस्टिंग की मांग की थी, अगर दिल्ली सरकार उसे लागू करे तो लक्षण और गैर लक्षण वाले सभी मरीज कोविड टेस्ट करा सकते है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा घर-घर जाकर सर्वे करने का काम बुधवार तक पूरा किया जाना था, जिसे व्यवस्थाओं और सरकार की नाकामियों के कारण अब आगे बढ़ाया गया है। बुधवार तक प्राप्त आंकड़े के अनुसार, 14 प्रतिशत मरीज जो कोविड लक्षण वाले पाए गए जिन्होंने टेस्ट ही नहीं कराया। 57 लाख लोग के सर्वे में 13516 मरीज लक्षण वाले मिले, जिनमें से केवल 11790 ने ही कोरोना टेस्ट करवाया। अल्का ने कहा कि सर्वे कर रहे शिक्षकों के कोविड संक्रमित होने की शिकायतें सामने आ रही है और 50 निगम शिक्षकों टेस्ट हुए जिनमें 17 शिक्षक पाजिटिव पाए गए। उन्होंने सर्वे की प्रक्रिया में खानापूर्ति का आरोप भी लगाया।
'केजरीवाल-बीजेपी की साजिश बेनकाब'
अल्का ने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों किसानों को गुमराह कर रहे है। जहां मोदी सरकार किसान विरोधी बिल पास करके किसानों पर सीधा प्रहार कर रही है, इन बिलों के द्वारा किसानों को उनकी फसल का एमएसपी भी नहीं मिलेगा और कृषि क्षेत्र को निजी हाथों में सौंप दिया गया है, वहीं केजरीवाल सरकार पिछले 7 सालों से किसानों को ठग रही है, किसानों को उनकी फसल के नुकसान पर कोई बीमा नहीं मिलता है। उन्होंने दिल्ली सरकार की नाकामियों का उदाहरण नरेला मंडी में धान 1650 प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये है। मतलब दिल्ली के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 2019-2020 के बजट में किसान मित्र योजना की घोषणा की और 19 महीने बीत जाने तक किसानों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया है।
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