नई दिल्ली
लॉकडाउन (Lockdown) से राहत 19 मई से दी गई थी और सितंबर तक दिल्ली पूरी तरह खुल चुकी (Delhi Unlock) है। मगर अभी तक टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार पटरी पर नहीं आया है। अब हालात यह हैं कि गाड़ियों की किस्त जमा करने के लिए ड्राइवरों के पास धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। यह कहना है 18 साल से टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी चला रहे मनोज कुमार का। कुछ ऐसा ही हाल इस फील्ड में काम कर रहे ज्यादातर ड्राइवरों का है। इनमें बड़ी कंपनियों से जुड़े ड्राइवर भी शामिल हैं।
मनोज ने बताया कि दूसरे राज्यों में टूरिस्ट प्लेस अभी खुले नहीं हैं। अगर कोई जाना भी चाहता है तो उसके लिए ई-पास और कोरोना टेस्ट (Corona Test) मांगते हैं। ई-पास फिर भी एक दिन में मिल जाएगा लेकिन कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में 2-3बार बैंक वाले किस्त मांगने आ चुके हैं। हर दिन बैंक वालों की कॉल आती है। रातों की नींद उड़ गई है। सरकार की तरफ से मदद मिलने की बजाए टैक्स मांगा जा रहा है। परमिट मांगा जा रहा है। लाखों का खर्च है कमाई 5 हजार भी नहीं है।
सर्वोदया ड्राइवर असोसिएशन ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष कमल जीत सिंह गिल ने बताया कि दिल्ली में 2 लाख ओवा और ऊबर ड्राइवर हैं, जिन्हें ईएमआई भरे के लिए बैंक से लगातार फोन आ रहे हैं। जबकि इस महामारी की स्थिति में ड्राइवर अपने बच्चों का पालन पोषण कर लें वही बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि 40 से ज्यादा की स्पीड में कैब नहीं चला सकते। इस नियम की वजह से कैब ड्राइवरों को ज्यादा राइड तक नहीं मिलतीं। ईएमआई नहीं देने से कई ड्राइवरों की गाड़ी तक उठा ले गए हैं।
एक कैब ड्राइवर संजय गुप्ता ने बताया कि वह एक राइड शेयरिंग कंपनी के साथ जुड़े हैं। 20 फीसदी काम भी नहीं है। कई दिन तो ऐसे निकलते हैं कि एक भी राइड नहीं मिलती है। टूर ऐंड ट्रैवल का काम कर रहे जीतेंद्र गुप्ता की मानें तो वह पहले एक प्राइवेट कंपनी के साथ काम करते थे तो कुछ कमाई हो जाती है। वर्क फ्रॉम होम की वजह से प्राइवेट कंपनी के साथ चलने वाली कैब बंद हो गई। उनके पास 12 गाड़ियां हैं जिनकी ईएमआई भी नहीं जा पा रही है।
लॉकडाउन (Lockdown) से राहत 19 मई से दी गई थी और सितंबर तक दिल्ली पूरी तरह खुल चुकी (Delhi Unlock) है। मगर अभी तक टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार पटरी पर नहीं आया है। अब हालात यह हैं कि गाड़ियों की किस्त जमा करने के लिए ड्राइवरों के पास धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। यह कहना है 18 साल से टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी चला रहे मनोज कुमार का। कुछ ऐसा ही हाल इस फील्ड में काम कर रहे ज्यादातर ड्राइवरों का है। इनमें बड़ी कंपनियों से जुड़े ड्राइवर भी शामिल हैं।
मनोज ने बताया कि दूसरे राज्यों में टूरिस्ट प्लेस अभी खुले नहीं हैं। अगर कोई जाना भी चाहता है तो उसके लिए ई-पास और कोरोना टेस्ट (Corona Test) मांगते हैं। ई-पास फिर भी एक दिन में मिल जाएगा लेकिन कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में 2-3बार बैंक वाले किस्त मांगने आ चुके हैं। हर दिन बैंक वालों की कॉल आती है। रातों की नींद उड़ गई है। सरकार की तरफ से मदद मिलने की बजाए टैक्स मांगा जा रहा है। परमिट मांगा जा रहा है। लाखों का खर्च है कमाई 5 हजार भी नहीं है।
सर्वोदया ड्राइवर असोसिएशन ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष कमल जीत सिंह गिल ने बताया कि दिल्ली में 2 लाख ओवा और ऊबर ड्राइवर हैं, जिन्हें ईएमआई भरे के लिए बैंक से लगातार फोन आ रहे हैं। जबकि इस महामारी की स्थिति में ड्राइवर अपने बच्चों का पालन पोषण कर लें वही बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि 40 से ज्यादा की स्पीड में कैब नहीं चला सकते। इस नियम की वजह से कैब ड्राइवरों को ज्यादा राइड तक नहीं मिलतीं। ईएमआई नहीं देने से कई ड्राइवरों की गाड़ी तक उठा ले गए हैं।
एक कैब ड्राइवर संजय गुप्ता ने बताया कि वह एक राइड शेयरिंग कंपनी के साथ जुड़े हैं। 20 फीसदी काम भी नहीं है। कई दिन तो ऐसे निकलते हैं कि एक भी राइड नहीं मिलती है। टूर ऐंड ट्रैवल का काम कर रहे जीतेंद्र गुप्ता की मानें तो वह पहले एक प्राइवेट कंपनी के साथ काम करते थे तो कुछ कमाई हो जाती है। वर्क फ्रॉम होम की वजह से प्राइवेट कंपनी के साथ चलने वाली कैब बंद हो गई। उनके पास 12 गाड़ियां हैं जिनकी ईएमआई भी नहीं जा पा रही है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: लॉकडाउन से राहत के बाद भी पटरी पर नहीं लौटा कैब ड्राइवरों का जीवन, EMI भरने के भी पैसे नहीं