Friday, September 18, 2020

सैलरी नहीं मिली तो 11 महीने के जुड़वा बच्चों को सरकारी दफ्तर में छोड़ा

नई दिल्ली
तीन महीने की सैलरी ना मिलने से नाराज पिता अपने 11-11 महीने के जुड़वा बेटों को सरकारी अफसर के ऑफिस में छोड़कर चला गया। यह ऑफिस सिविल लाइंस थाना इलाके में 5 शाम नाथ मार्ग पर है। छोटे बच्चों को लावारिस हालत में देखकर एक बार को सभी सकते में आ गए। लेकिन ऑफिस वालों ने बच्चों को पहचान लिया। बाद में पुलिस कॉल की गई। दोनों बच्चों को उनके माता-पिता के पास पहुंचाया गया।

गंगा विहार का रहने वाला है शख्स
पीड़ित की पहचान नरेश (45) के रूप में हुई, जो नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के गंगा विहार में रहते हैं। नरेश ने एनबीटी को बताया कि वह अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ भजनपुरा के पास गंगा विहार में रहते हैं। सबसे बड़ी बेटी है जो 12 साल की है। मूलरूप से अलीगढ़ के नरेश ने बताया कि वह गंगा विहार स्थित कॉपरेटिव सोसायटी में 2016 से क्लर्क के तौर पर जॉब करते हैं।

महीने की तनख्वाह 18,500 रुपये है
उन्होंने बताया कि उनकी महीने की तनख्वाह 18,500 रुपये है। पांच बच्चों के साथ परिवार में सात लोग और चार हजार रुपये महीने का किराए का मकान। तीन महीने की सैलरी नहीं दी गई। बच्चों को दूध पिलाने तक के पैसे नहीं हैं घर में हमारे पास। नरेश ने बताया कि इससे पहले भी एक बार सोसायटी की ओर से उनकी आठ महीने की सैलरी नहीं दी गई थी।

अभी भी एक लाख 40 हजार रुपये बकाया
बाद में उनके बार-बार कहने पर उन्हें कुछ पैसे दे दिए थे। लेकिन अभी भी एक लाख 40 हजार रुपये बकाया हैं। उन्होंने बताया कि सोसायटी में पिछले दिनों कुछ गड़बड़ हो गई थी। इसलिए इसका प्रशासक नियुक्त कर दिया गया। प्रशासक 5 शामनाथ मार्ग पर बैठते हैं, जिनसे रूकी हुई सैलरी लेने के लिए वह हर सप्ताह उनके दफ्तर के चक्कर काट रह हैं।

लेकिन अब जब घर में सबकुछ खत्म हो गया तो शुक्रवार को मैं अपनी पत्नी और दोनों छोटे जुड़वा बेटों को लेकर 5 शामनाथ मार्ग पर एडमिनिस्ट्रेटर के ऑफिस पर पहुंचा। एडमिनिस्ट्रेटर से मिलने की कोशिश की। लेकिन स्टाफ ने मिलने नहीं दिया। स्टाफ से भी सैलरी देने के लिए कहा। किसी ने नहीं सुनी तो दोनों बेटों को वहीं गेट पर छोड़कर आ गया। उनका कहना है कि वह अपने हक का पैसा मांग रहे हैं। नॉर्थ दिल्ली के डीसीपी एंटो अल्फोंस ने बताया कि मामले में एक पीसीआर कॉल मिली थी। बच्चों को उनके पिता के पास पहुंचा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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